Bharat NCAP 2.0: भारत NCAP 2.0 के तहत अब सभी कारों में एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) टेक्नोलॉजी को भी सुरक्षा रेटिंग में शामिल किया जाएगा. इसलिए अब तमाम कार कंपनियों को अपनी गाड़ी में ADAS फीचर्स को शामिल करना जरूरी हो गया है.
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What is Bharat NCAP 2.0: कार खरीदने वाले तमाम ग्राहक गाड़ी की सेफ्टी पर सबसे ज्यादा ध्यान देते हैं. इसलिए वह कार को मिलने वाली भारत NCAP की सेफ्टी रेटिंग पर भी काफी ध्यान देते हैं. ऐसे में जिस गाड़ी को सबसे अच्छा रेटिंग मिलता है, लोग उस गाड़ी को खरीदने पर तर्जी देते हैं. लेकिन अब ऑटो मेकर्स के लिए इस भारत NCAP की सेफ्टी लेना आसान नहीं होगा. भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (भारत NCAP) जल्द ही अपने नए 2.0 वर्जन को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है. इस फीचर्स के मुताबिक व्हीकल सेफ्टी टेस्टिंग प्रोग्राम को अपडेट किया जाएगा. आइए जानते हैं क्या है भारत NCAP का नया फीचर्स
क्या है भारत NCAP 2.0
भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम ने अपने 2.0 वर्जन के जरिए अब गाड़ियों में एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) टेक्नोलॉजी को भी सुरक्षा रेटिंग में शामिल करने जा रही है. ये फीचर्स साल 2027 से लागू किया जाएगा. इस मामले में ARAI की उप निदेशक उज्ज्वला करले ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि "हम इस बात पर फोकस कर रहे हैं कि भारत की गाड़ियों में सेफ्टी के मामलों को कैसे बेहतर तरीके से पेश किया जा सकता है." उन्होंने कहा कि "सुरक्षित गतिशीलता के इच्छित उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए उभरती हुई प्रौद्योगिकी प्रवृत्ति के लिए ADAS सुविधाएं और ADAS परीक्षण दोनों को स्थानीयकृत किया जाना चाहिए."
कैसे होती है कार की टेस्टिंग प्रोसेस
भारत में कार बेचने वाली तमाम कंपनियों के ज्यादातर मॉडल का NCAP द्वारा क्रैश टेस्ट किया जाता है. इस टेस्ट में गाड़ी को तय स्पीड पर किसी हार्ड ऑब्जेक्ट के साथ टकराया जाता है. इस टेस्ट के लिए उस कार में एक डमी का इस्तेमाल किया जाता है. कार में डमी इंसान की तरह ही होता है. टेस्ट में कार के सभी सीटों पर डमी इंसान को बैठाया जाता है, ताकि अच्छे से सेफ्टी की जांच की जा सके. कार के पीछे वाली सीट पर बच्चे की डमी को रखा जाता है. इस टेस्ट का मकसद होता है कि जब कार किसी हार्ड ऑब्जेक्ट से टकराए तो वक्त पर एयरबैग खुल जाए, और डमी की हिफाजत कर लें. इस टेस्ट में ये देखा जाता है कि इस टक्कर में डमी को कितना नुकसान पहुंचा. इस टेस्ट के आधार पर कार को सेफ्टी रेटिंग दी जाती है.