Pakistan News in Hindi: कहावत है कि घर में नहीं दाने, अम्मा चली भुनाने. पाकिस्तान की हालत आजकल कुछ ऐसी ही हो गई है. उसके पास तो कुछ है नहीं लेकिन वह सपने कश्मीर छीनने के लेता है.
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Pakistan on Kashmir: पाकिस्तान सिर से पांव तक कंगाली में डूबा है. उसके पास अपने नागरिकों का पेट भरने तक पैसा नहीं है. कर्जा चुकाने के लिए वह अपनी कई अमूल्य संपत्तियों को बेच चुका है या गिरवी रख चुका है. इसके बावजूद कश्मीर पर उसके कभी न पूरे होने वाले हसीन सपने अब भी जारी हैं. पाकिस्तानी संसद के संयुक्त सत्र में गुरुवार को जब नए-नवेले राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भाषण दिया तो एक बार फिर कश्मीर का रोना शुरू कर दिया.
भारत को 370 का दर्जा वापस देना चाहिए- पाकिस्तान
जरदारी ने दक्षिण एशिया में शांति और विकास के लिए कश्मीर मुद्दे का समाधान करने की आवश्यकता पर जोर दिया. पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को पांच अगस्त, 2019 के बाद से उठाए गए सभी कदमों को वापस लेना चाहिए. उन्होंने मांग की कि कश्मीर के लोगों को अपना भविष्य निर्धारित करने के लिए आत्मनिर्णय के अधिकार का इस्तेमाल करने की अनुमति देनी चाहिए. शांति का अलंबरदार बनते हुए जरदारी ने कहा कि दक्षिण एशिया क्षेत्र में विकास के लिए शांति का माहौल आवश्यक है और कश्मीर मुद्दे का समाधान शांति की कुंजी है.
देश को धुव्रीकरण से ऊपर उठने की जरूरत
इमरान खान की पार्टी के सांसदों की ओर से की जा रही नारेबाजी के बीच, राष्ट्रपति जरदारी ने नेताओं से देश के समक्ष चुनौतियों से निपटने के लिए ध्रुवीकरण की राजनीति छोड़ने का आग्रह किया. जरदारी ने कहा, ‘देश को अब ध्रुवीकरण से हटकर समसामयिक राजनीति की ओर बढ़ने की जरूरत है. इस संयुक्त सदन को संसदीय प्रक्रिया में जनता का विश्वास बहाल करने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए.’
विदेशी निवेश के लिए अच्छा माहौल बनाए सरकार
जरदारी ने सभी प्रांतों के लिए अवसरों की समानता पर आधारित एक समावेशी विकास मॉडल विकसित करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि विदेशी निवेश को आकर्षित करना देश का प्राथमिक उद्देश्य होना चाहिए. उन्होंने सरकार से मौजूदा नियमों को सरल बनाने और घरेलू और विदेशी निवेशकों के लिए एक माहौल बनाने के लिए कहा.
भारत स्पष्ट कर चुका है अपना रुख
बताते चलें कि भारत, पाकिस्तान समेत दुनिया को स्पष्ट कर चुका है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख देश के अभिन्न और अविभाज्य हिस्से हैं. भारत ने यह भी कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू- कश्मीर में सामाजिक-आर्थिक विकास और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए संवैधानिक कदम भारत का आंतरिक मामला है.
(एजेंसी भाषा)