Bundi News: रामगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों के संघर्ष को रोकने के लिए मध्यप्रदेश से तीन बाधिनें लाई जाएंगी. यह कदम वन्यजीव संतुलन बनाए रखने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है. फरवरी तक इनकी शिफ्टिंग पूरी होने की उम्मीद है, जिससे रिजर्व में वन्यजीव संरक्षण को मजबूती मिलेगी.
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Rajasthan News: रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बाघों के आपसी संघर्ष को रोकने और बाघों की स्थिर संख्या बनाए रखने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है. हाल ही में बाघ आरवीटी-4 की मौत के बाद वन विभाग ने इस समस्या का स्थायी समाधान निकालते हुए रिजर्व में तीन बाधिनों को बसाने का निर्णय लिया है. पहले मध्यप्रदेश से केवल दो बाधिनें लाने की योजना थी, लेकिन अब संशोधन कर तीन बाधिनों की शिफ्टिंग की प्रक्रिया राज्य स्तर पर तेज कर दी गई है.
फरवरी में मिल सकती है खुशखबरी
वन विभाग के अधिकारी इस योजना को फरवरी तक अमलीजामा पहनाने की उम्मीद कर रहे हैं. प्रदेश के वरिष्ठ वन अधिकारियों के अनुसार, इंटरस्टेट बाघ ट्रांसफर प्रोजेक्ट के तहत दिसंबर 2024 में भोपाल वन सर्कल से बाधिनों का चयन कर लिया गया था. चूंकि मध्यप्रदेश में देश के सबसे अधिक 785 बाघ हैं, इसलिए वहां के टाइगर रिजर्व से चार बाधिनों को राजस्थान स्थानांतरित करने की सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है.
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
वन विभाग और प्रदेश सरकार इस परियोजना को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने के लिए मध्यप्रदेश वाइल्डलाइफ प्रबंधन के साथ लगातार चर्चा कर रही है. इस ट्रांसफर प्रोजेक्ट के तहत रामगढ़ के अलावा मुकुंदरा टाइगर रिजर्व को भी एक बाध और एक बाधिन मिलेगी, जिससे वहां भी वन्यजीव संतुलन बेहतर हो सकेगा.
बाघों की बढ़ती संख्या से न केवल जंगलों का पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत होगा, बल्कि इससे रामगढ़ टाइगर रिजर्व में पर्यटन को भी नई उड़ान मिलेगी. इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह खबर किसी सौगात से कम नहीं!
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Reported By- किशोर रॉय