SEBI On Fininfluencer: फर्जी फिनफ्लुएंसर भी मुनाफे का लालच देकर रिटेल निवेशकों को धोखा दे रहे हैं. वे लोगों को यह यकीन दिलाते हैं कि थोड़ा पैसा लगाकर करोड़ों कमाए जा सकते हैं.
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SEBI: मार्केट रेगुलेटरी संस्था SEBI ने एजुकेशन की आड़ में मुनाफे को लेकर गुमराह करने वाले फिनइनफ्लुएंसर पर कड़ी कार्रवाई की है. सेबी ने 'फिनइनफ्लुएंसर' अस्मिता पटेल और अस्मिता पटेल ग्लोबल स्कूल समेत छह पक्षों को पूंजी बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है. इन्हें कथित रूप से गैरपंजीकृत निवेश सलाहकार सेवाओं के लिए प्रतिबंधित किया गया.
यह मामला अस्मिता पटेल ग्लोबल स्कूल ऑफ ट्रेडिंग द्वारा प्रदान किए जाने वाले ट्रेडिंग पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने वाले व्यक्तियों से संबंधित है.
यूट्यूबर और फिनफ्लुएंसर अस्मिता पटेल खुद को 'स्टॉक मार्केट की शी वुल्फ' और 'ऑप्शन क्वीन' बताती हैं और दावा करती हैं कि उन्होंने दुनिया भर में एक लाख से अधिक छात्रों/निवेशकों को सलाह दी है.
कई अन्य फर्जी फिनफ्लुएंसर भी मुनाफे का लालच देकर रिटेल निवेशकों को धोखा दे रहे हैं. वे लोगों को यह यकीन दिलाते हैं कि थोड़ा पैसा लगाकर करोड़ों कमाए जा सकते हैं. कई ट्रेडर्स ऐसे झूठे वादों में फंस चुके हैं, जहां दावा किया गया कि 30 लाख रुपये कुछ ही समय में 3 करोड़ तक बढ़ सकते हैं.
सेबी ने फीस लौटाने का दिया आदेश
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए प्रतिभागियों से शुल्क के रूप में ली गई 53 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वापस करने का निर्देश भी दिया है. वित्तीय परामर्श देकर लोगों को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाले व्यक्तियों को फिनइनफ्लूएंसर कहते हैं.
सेबी ने गुरुवार को पारित एक अंतरिम आदेश एवं कारण बताओ नोटिस के जरिए छह पक्षों- अस्मिता पटेल ग्लोबल स्कूल ऑफ ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड (एपीजीएसओटी), अस्मिता जितेश पटेल, जितेश जेठालाल पटेल, किंग ट्रेडर्स, जेमिनी एंटरप्राइज और यूनाइटेड एंटरप्राइजेज को पूंजी बाजार से प्रतिबंधित कर दिया.
सेबी ने जारी किया शोकॉज नोटिस
सेबी के आदेश के अनुसार, नियामक ने इन छह पक्षों से यह भी पूछा है कि विभिन्न कार्यक्रमों के लिए शुल्क के रूप में लिए गए 104.63 करोड़ रुपये उनसे क्यों न वसूले जाएं और उन्हें जब्त क्यों न किया जाए. यह मामला अस्मिता पटेल ग्लोबल स्कूल ऑफ ट्रेडिंग के पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने वाले व्यक्तियों से संबंधित है.
सेबी के आदेश में कहा गया है कि उन्हें मुनाफे के अतिरंजित वादों से गुमराह किया गया और शेयर बाजार से जुड़ी सामान्य शिक्षा के लिए उच्च शुल्क का भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया.
(इनपुट- भाषा)