धारदार हथियारों से होने वाला था चीनी हमला, सामने आ गईं तस्वीरें

कैमरों में कैद हुई चीन की साजिश नाकाम, दुहराना चाहता था गलवान लेकिन इस बार भारतीय सेना थी सावधान..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 9, 2020, 02:14 AM IST
    • हाथ में हथियार ले कर बात नहीं होती
    • चीनी धोखे का चेहरा तस्वीरों में हुआ साफ़
    • पूर्वी लद्दाख स्थित रेजांग ला के उत्तरी क्षेत्र में हुई वारदात
धारदार हथियारों से होने वाला था चीनी हमला, सामने आ गईं तस्वीरें

नई दिल्ली.   साढ़े तीन महीनों में चीनी सेना का ये दूसरा दोगलापन था. पंद्रह जून के बाद सात सितंबर को फिर पीएलए ने धोखे से हमला करने की कोशिश की, मगर भारतीय जवानों ने चीनियों की इस निकम्मी कोशिश को फिर नाकाम कर दिया. चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने सफाई दी कि हमारे सैनिक बात करने आ रहे थे कि तभी भारतीय सैनिकों ने गोलियां चला दीं. इस चीनी हमले की साजिश से पल्ला झाड़ने के लिए अब चीन लाख लीपापोती करे, कोई फायदा नहीं होने वाला है क्योंकि कुछ तस्वीरें सामने आई हैं जिन्होंने सच को बेनकाब कर दिया है. 

 

हाथ में हथियार ले कर बात नहीं होती 

पूर्वी लद्दाख सीमा पर सोमवार सात सितंबर की रात चीन फिर गलवान जैसी साजिश दोहराना चाहता था लेकिन नाकाम रहा. धारदार हथियारों से लैस थी चीनी बौनों की ये टुकड़ी जिन्हे भारतीय जांबाज़ जवानों ने वापस लौट जाने को मजबूर कर दिया. चीनियों के धोखे की नापाक कोशिश तस्वीरों में कैद हो गई है. 

तस्वीरों में हुआ साफ़ 

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ली गई ये कुछ तस्वीरें ऐसी सामने आई हैं जो चीनी सेना के धोखे से किये जाने वाले हमले की गवाही देती हैं. इन तस्वीरों को देख कर सीधे ही अनुमान लगाया जा सकता है कि चीनी सेना फिर गलवान घाटी जैसा चमगादड़-हमला करने की फिराक में थी. इन तस्वीरों से साफ़ जाहिर हो रहा है कि चीनी सैनिकों के हाथ में धारदार हथियार थे. 

 

मुखपारी में हुई घटना  

07 सितंबर की रात पूर्वी लद्दाख स्थित रेजांग ला के उत्तरी क्षेत्र में स्थित मुखपारी चोटी की तरफ सामने से करीब चालीस से पचास चीनी सैनिक हाथों में धारदार हथियार लिए अंधेरे में आगे बढ़े और भारतीय क्षेत्र में स्थित एक चोटी पर अधिकार करने की कोशिश की. लेकिन भारतीय जवानों ने हवा में गोलियां दाग कर उन्हें चेतावनी देते हुए पीछे खदेड़ दिया. जानकारी के अनुसार ये चीनी सैनिक अपने हाथों लोहे की रॉड, कुल्हाड़ी और कटीले डंडे लेकर मुखपारी चोटी कब्जियाने आये थे. 

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