Numerology: 2025 में किस ग्रह का रहेगा सबसे ज्यादा प्रभाव, जानिए अगले साल की भविष्यवाणियां

अगला साल शुरू होने वाला है. इस साल किस ग्रह का प्रभाव रहने वाला है और अंक शास्त्र के नजरिए से किस ग्रह का बोलबाला ज्यादा रहेगा. इस बारे में ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास बता रहे हैं कि 2025 मंगल के प्रभाव का वर्ष है. कई बड़ी कार्यवाही होगी. परिवर्तन आएगा.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 14, 2024, 03:25 PM IST
  • क्रिया और ऊर्जा का ग्रह है मंगल
  • जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचें
Numerology: 2025 में किस ग्रह का रहेगा सबसे ज्यादा प्रभाव, जानिए अगले साल की भविष्यवाणियां

नई दिल्लीः अगला साल शुरू होने वाला है. इस साल किस ग्रह का प्रभाव रहने वाला है और अंक शास्त्र के नजरिए से किस ग्रह का बोलबाला ज्यादा रहेगा. इस बारे में ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास बता रहे हैं कि 2025 मंगल के प्रभाव का वर्ष है. कई बड़ी कार्यवाही होगी. परिवर्तन आएगा. 

क्रिया और ऊर्जा का ग्रह है मंगल

वह बताते हैं कि अगर अंक शास्त्र के नजरिए से देखें तो 2025 का जोड़ 9 बनता है, जो ग्रहों के सेनापति मंगल से शासित है. मंगल क्रिया और ऊर्जा का ग्रह है. इसका मतलब है कि 2025 दुनिया के नजरिए से साहसिक निर्णय, बड़े कार्यों और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक मजबूत अभियान का वर्ष होगा. मंगल चूंकि सेनापति है इसलिए वह चुनौतियां भी लेकर आते हैं. इसलिए मंगल की ऊर्जा को बहुत बुद्धिमानी से संभालना आवश्यक हो जाता है.

जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचें

2025 के राजा मंगल हैं इसलिए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि देश और दुनिया में सेना की कार्यवाही बढ़ जाएगी. राष्ट्र अध्यक्षों के पास साहस और पराक्रम पहले से कहीं अधिक होगा. वीरता को बढ़ावा दिया जाएगा और समस्याओं से निपटने और साहसिक कदम उठाने के लिए सरकार प्रेरित होंगी. मंगल का प्रभाव जहां एक ओर वीरता को बढ़ाता है वही संघर्ष का कारक भी बन सकता है. इसलिए राष्ट्राध्यक्षों को शांत रहना होगा. जल्दबाजी में लिए गए निर्णय से बचना होगा. अगर आप शांत और गंभीर होकर कोई निर्णय लेंगे तो मंगल की उस तीव्र ऊर्जा को आप संतुलित कर पाएंगे.  

क्या करें उपाय

हं हनुमते नमः, ऊं नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें. प्रतिदिन सुबह और शाम हनुमान जी के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं. लाल मसूर की दाल शाम 7 बजे के बाद हनुमान मंदिर में चढ़ाएं. हनुमान जी को पान का भोग और दो बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं. ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट एवं दूर करती है. महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती पाठ करना चाहिए. माता दुर्गा, भगवान शिव और हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. इसलिए पाठकों से अनुरोध है कि वे इस लेख को अंतिम सत्य या दावा न मानें. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)

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