अमेरिकी डॉलर की जगह इस्‍तेमाल की कोई और करेंसी तो खैर नहीं, ट्रंप की खुली चेतावनी
Advertisement
trendingNow12625073

अमेरिकी डॉलर की जगह इस्‍तेमाल की कोई और करेंसी तो खैर नहीं, ट्रंप की खुली चेतावनी

US Currency Brics: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि वो अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर की जगह किसी और मुद्रा के इस्तेमाल को बर्दाश्‍त नहीं करेंगे.

अमेरिकी डॉलर की जगह इस्‍तेमाल की कोई और करेंसी तो खैर नहीं, ट्रंप की खुली चेतावनी

US Dollar Brics: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर चेतावनी दी है कि ब्रिक्स देश अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर की जगह किसी और मुद्रा के इस्तेमाल के बारे में ना सोचें. यदि उन्‍होंने अमेरिकी डॉलर की जगह कोई और करेंसी इस्‍तेमाल करने की कोशिश की तो वह उन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगा देंगे. ट्रंप ने कहा कि ब्रिक्स देश ''कोई और मूर्ख देश'' ढूंढ लें.

यह भी पढ़ें: खुद 27 की, पति 60 के...गजब है ट्रंप की इस खूबसूरत अफसर की लव स्टोरी, मगर छिपाकर रखा है एक बड़ा राज

डॉलर से दूर जाने की कोशिश पड़ेगी भारी

अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा, ''ब्रिक्स देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश करें और हम खड़े होकर बस देखते रहें, इस तरह के विचारों के दिन खत्म हो चुके हैं. हम ब्रिक्स देशों से यह प्रतिबद्धता चाहते हैं कि वे न तो नयी ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे न ही अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे. नहीं तो, उन्हें 100 प्रतिशत शुल्क का सामना करना होगा या फिर शानदार अमेरिकी अर्थव्यवस्था में बिक्री को अलविदा कहने की उम्मीद करनी चाहिए.''

यह भी पढ़ें: इस उल्‍लू को बचाने में जुटे दर्जन भर देश, सारे लड़ाई-झगड़े भूलकर आए साथ जानी दुश्‍मन

अमेरिकी डॉलर की जगह कोई नहीं ले सकता

ट्रंप ने साफतौर पर धमकी देते हुए कहा, ''वे (ब्रिक्स देश) कोई दूसरा मूर्ख देश ढूंढ़ सकते हैं. इस बात की कोई संभावना नहीं है कि ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय व्यापार में या कहीं और अमेरिकी डॉलर की जगह ले लेगा. हालांकि जो भी देश ऐसा करने की कोशिश करेगा, उसे शुल्क को नमस्ते और अमेरिका को अलविदा कह देना चाहिए.''

यह भी पढ़ें: इन देशों में खुले आम होती है जिस्मफरोशी, विज्ञापन देकर कस्‍टमर बुलाती हैं सेक्‍स वर्कर्स

ट्रंप ने ब्रिक्स सदस्य देशों द्वारा अपनी मुद्रा जारी करने के किसी भी कदम की बार-बार आलोचना की है और यह अब तक का उनका सबसे कड़ा विरोध है. दिसंबर में भी ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को इस तरह के कदम के खिलाफ चेतावनी दी थी. ब्रिक्स दस देशों - ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात का एक अंतर-सरकारी संगठन है. 2009 में गठित ब्रिक्स एकमात्र प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समूह है जिसका अमेरिका हिस्सा नहीं है.

ब्रिक्‍स मुद्रा बदलने की उठ रही मांग

पिछले कुछ वर्षों में इसके कुछ सदस्य देश विशेष रूप से रूस और चीन अमेरिकी डॉलर का विकल्प या ब्रिक्स मुद्रा बनाने की मांग कर रहे हैं. ब्रिक्स के एक महत्वपूर्ण स्तंभ भारत ने कहा है कि वह 'डी-डॉलराइजेशन' (विश्व व्यापार और वित्तीय लेनदेन में डॉलर के उपयोग में उल्लेखनीय कमी) के खिलाफ है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दिसंबर में कहा था कि भारत कभी भी 'डी-डॉलराइजेशन' के पक्ष में नहीं रहा है और ब्रिक्स मुद्रा बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. (एजेंसी इनपुट के साथ)

 

TAGS

Trending news