Bangladesh News: बांग्लादेश आज कट्टरपंथियों के हाथ की कठपुतली बन चुका है. सत्ता परिवर्तन के बाद से ही ऐसी ताकतें आ गई हैं. जिनके राज में हिंदुओं का कत्लेआम हो रहा है और मोहम्मद यूनुस चुपचाप सब देख रहे हैं.
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Hindu killings in Bangladesh: एक बार फिर बांग्लादेश में हिंदुओं के कत्लेआम का नया राउंड शुरू हो गया है. ऐसा क्यों कहा जा रहा है, वो जानकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. 26 जनवरी से कट्टरपंथी बांग्लादेश में एक बार फिर से हिंदुओं से दुश्मनी निकाली जा रही है. हिंदुओं की जिंदगी को जहन्नुम बनाने के लिए हमले तेज हो गए हैं. जिसकी गवाही हिंदू पर हो रहे अत्याचार की तमाम तस्वीरें दे रही हैं. ताजा अटैक बांग्लादेश के दो जिलों में हुआ है. बांग्लादेश में हिंदुओं को मारा जा रहा है. हिंदुओं की आस्था पर हमला किया जा रहा है.
हिंदुओं पर हमले का नया दौर
बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन को 6 महीने से ज्यादा हो गए हैं. लेकिन हिंदुओं पर और उनके मंदिरों पर लगातार हमले हो रहे हैं. 5 अगस्त से लेकर अब तक बांग्लादेश में हिंदुओं पर जुल्म ओ सितम रुकने का नाम नहीं ले रहा है.
150 साल पुराने मनसा माता मंदिर में तोड़फोड़
पहला मामला तंगैल जिले से आया है जहां कट्टरपंथियों ने मां सरस्वती की कई मूर्तियों को तोड़ दिया. कई मूर्तियों के सिर तोड़ दिए. बुरी तरह से मूर्तियों के साथ तोड़फोड़ की गई. दूसरा मामला किशोरगंज जिले से है जहां इस्लामिक कट्टरपंथियों की एक भीड़ ने मनसा माता मंदिर पर हमला बोल दिया और मंदिर में जमकर तोड़फोड़ की. मनसा माता मंदिर 150 साल पुराना है यानि जब बांग्लादेश नहीं बना था तब से मंदिर मौजूद है. सूचना पर खाना पूर्ति करने पहुंची बांग्लादेशी पुलिस ने सूचना पर पुलिस पहुंची और मंदिरों और मूर्तियों में तोड़फोड़ की पुष्टि की है.
कट्टरपंथी हिंदुओं को जला रहे...युनूस बांसुरी बजा रहे?
2025 के जनवरी में ही दर्जन भर मंदिरों पर अटैक किए गए हैं. मंदिर में तोड़फोड़ के साथ ही लूटपाट भी की गई. कई हिंदुओं को मारा गया है. बहुत से मामले रिपोर्ट तक नहीं हो पा रहे हैं.
8 जनवरी को चटगांव में 4 मंदिरों पर अटैक.
9 जनवरी को कॉक्स बाजार में मंदिर पर हमला.
10 जनवरी को लाल मोनिरहाट में मंदिर में तोड़फोड़.
बांग्लादेशी पुलिस कागजी कार्रवाई कर रही, खूले आम घूम रहे दोषी
ये तो सिर्फ जनवरी 2025 के आंकड़ें हैं जबकि अगस्त 2024 के बाद जब से मोहम्मद युनूस ने बांग्लादेश की सत्ता संभाली है. तब से ही उन पर कट्टरपंथियों और चरमपंथियों को शह देने का आरोप लग रहा है. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अटैक को लेकर पुलिस का कहना है कि ज्यादातर हमले सांप्रदायिक नहीं बल्कि पॉलिटिक्स से प्रेरित हैं. जबकि हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने आंकड़े जारी कर बताया कि हिंदुओं सहित अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ 1,769 हमले और तोड़ फोड़ की 2,010 घटनाएं हुई हैं. परिषद का दावा है कि पुलिस ने सैकड़ों मामले दर्ज ही नहीं किए. पुलिस ने अपनी सफाई में कहा कि 115 मामलों में 100 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.