अफगानिस्तान का बड़ा एक्शन, इसलिए किया गया 34 हजार से ज्यादा भिखारियों को गिरफ्तार
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अफगानिस्तान का बड़ा एक्शन, इसलिए किया गया 34 हजार से ज्यादा भिखारियों को गिरफ्तार

Afghanistan News: अफगानिस्तान से भीख मांगने पर लगाम लगाने की कोशिश की जा रही है. इसके तहत  34,000 से अधिक भिखारियों को गिरफ्तार किया गया है. जानिए इसके पीछे की क्या वजह है. 

अफगानिस्तान का बड़ा एक्शन, इसलिए किया गया 34 हजार से ज्यादा भिखारियों को गिरफ्तार

Afghanistan News: अफगानिस्तान से भिखारियों से जुड़ी हुई एक बड़ी खबर सामने आ रही है. बता दें कि देश भर से 34,000 से अधिक भिखारियों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी के बाद इनकी जांच की जा रही, जरूरतमंदो को भत्ता देने का भी भी ऐलान किया गया है. भिखारियों को रजिस्टर करने के लिए करने और उन्हें 'पेशेवर', 'बेसहारा' या 'संगठित' के रूप में वर्गीकृत करने के लिए एक आयोग की स्थापना की गई है. इसके लिए उनके बायोमेट्रिक डाटा और फिंगरप्रिंट भी लिए जाएंगे. 

अफगानिस्तान के राष्ट्रीय रेडियो और टेलीविजन (आरटीए) ने रविवार को मुल्ला अब्दुल हक अखुंद हमकर के हवाले से कहा, 'हमने पिछले साल 34,377 भिखारियों को गिरफ्तार किया है.  समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, अधिकारी ने सरकारी मीडिया को बताया कि गिरफ्तार किए गए भिखारियों में से ज्यादातर फर्जी और पेशेवर थे. उन्होंने कहा कि जांच के बाद पुलिस ने जरूरतमंदों को मासिक भत्ता आवंटित किया है और पेशेवर भिखारियों को आगे की जांच के लिए संबंधित संस्थाओं को भेज दिया है.

भिखारियों को पंजीकृत करने और उन्हें 'पेशेवर', 'बेसहारा' या 'संगठित' के रूप में वर्गीकृत करने के लिए एक आयोग की स्थापना की गई है. इसके लिए उनके बायोमेट्रिक डाटा और फिंगरप्रिंट भी लिए जाएंगे. तालिबान अधिकारियों के अनुसार, अकेले काबुल में लगभग 60,000 भिखारियों पर पहले ही कार्रवाई हो चुकी है. 

भीख मांगने के खिलाफ कानून के तहत हिरासत में लिए गए लोगों की मौत पर तालिबान के नए कानून के अनुच्छेद 25 में कहा गया है "अगर हिरासत में रहते हुए किसी भिखारी की मौत हो जाती है और उसका कोई रिश्तेदार नहीं है या परिवार शव को लेने से इनकार करता है, तो नगर निगम के अधिकारी शव को दफनाने का काम संभालेंगे.

नए कानूनों के तहत, 'बेसहारा' के रूप में वर्गीकृत लोगों को उनकी रिहाई के बाद कानूनी रूप से वित्तीय सहायता पाने का अधिकार है. हालांकि किसी भी महिला ने यह नहीं कहा कि उन्हें कोई मदद मिली है. बल्ख के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने मजार-ए-शरीफ शहर और उत्तरी प्रांत के अन्य हिस्सों में भिखारियों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया है. 

अधिकारियों ने कहा कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद भिखारियों को 2,000 अफ्स (अफगान मुद्रा) प्रति माह दिए जाएंगे. बल्ख के डिप्टी गवर्नर नूर-उल-हुदा अबू इदरीस ने कहा, "अगर वे वाकई गरीब और कमजोर हैं, तो हम उन्हें 2,000 अफ्स प्रति माह देंगे. भिखारियों को पकड़ने वाले आयोग के प्रमुख फैजुल्लाह फैजी ने कहा, "कुछ नकली भिखारी हो सकते हैं और कुछ असली भिखारी भी हो सकते हैं. भविष्य में यह पहचाना जाएगा क्योंकि इस आयोग का गठन इसी उद्देश्य से किया गया है. अफगानिस्तान की लगभग आधी आबादी यानी 23 मिलियन से अधिक अफगान कथित तौर पर खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं. (आईएएनएस)

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