मौत से ठीक पहले क्या होता है? साथ छोड़ते इंसानी दिमाग की पहली बार रिकॉर्डिंग से खुला राज
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मौत से ठीक पहले क्या होता है? साथ छोड़ते इंसानी दिमाग की पहली बार रिकॉर्डिंग से खुला राज

Dying Human Brain: हालांकि इस रिसर्च के परिणाम ने एक नई दिशा दिखाई है. हालांकि लेकिन वैज्ञानिक अभी भी इस विषय पर अधिक अध्ययन करना चाहते हैं. रिसर्च से जुड़े एक्सपर्ट का कहना है कि इससे मृत्यु के ठीक समय की परिभाषा पर नई चर्चा शुरू हो सकती है. 

मौत से ठीक पहले क्या होता है? साथ छोड़ते इंसानी दिमाग की पहली बार रिकॉर्डिंग से खुला राज

Last brain activity: मौत के समय इंसान के दिमाग में क्या होता है यह सवाल कई दशकों से वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य बना हुआ है. लेकिन अब इस पर एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है. पहली बार एक मानव मस्तिष्क की मृत्यु के समय की गतिविधि रिकॉर्ड की गई है, जिससे यह पता चला है कि मरने से पहले लोग एक Life Review का अनुभव करते हैं. यह अनुभव उन लोगों द्वारा अक्सर बताया गया है जिन्होंने नजदीकी मौत का अनुभव किया है. इनका कहना है कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी को आंखों के सामने तेजी से घटते हुए देखा.

क्या होती है लाइफ रिव्यू?
दरअसल डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक लाइफ रिव्यू एक ऐसा अनुभव है जिसमें व्यक्ति को अपनी पूरी ज़िन्दगी की घटनाएं याद आती हैं. जैसे एक झलक में पूरे जीवन का इतिहास दिखने लगता है. यह वही अनुभव है जिसे लोग जीवन का फिल्म की तरह फ्लैश होना बताते हैं. वैज्ञानिकों ने अब पहली बार एक मरे हुए इंसान के दिमाग की गतिविधि रिकॉर्ड की है जिससे यह स्पष्ट हुआ है कि मृत्यु से पहले ऐसा सच में होता है.

क्यों खास है यह शोध?
इस रिपोर्ट के मुताबिक यह रिकॉर्डिंग एक 87 साल के मरीज के कार्डियक अरेस्ट के दौरान की गई थी. जब वे मिर्गी (Epilepsy) का इलाज करवा रहे थे. डॉक्टरों ने उनके दिमाग की गतिविधि को मॉनिटर करने के लिए एक डिवाइस लगाया था लेकिन इलाज के दौरान ही मरीज का दिल रुक गया और उनकी मृत्यु हो गई. इस दौरान वैज्ञानिकों ने लगभग 900 सेकंड तक दिमाग की गतिविधि को रिकॉर्ड किया. उन्होंने पाया कि मस्तिष्क की वह हिस्से जो यादों और उनके आगे की चीजों जुड़े होते हैं वे मौत के समय भी सक्रिय थे.

क्या कहते हैं वैज्ञानिक?
इस शोध के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ अजमल ज़ेममार ने कहा कि यह ब्रेन वेव्स, जो यादों की पुनःप्राप्ति से संबंधित होते हैं. यह दर्शाते हैं कि मरने से पहले मस्तिष्क शायद अपने महत्वपूर्ण जीवन घटनाओं का अंतिम रिव्यू कर रहा होता है, जैसे वह अनुभव नजदीकी मौत में होने वालों द्वारा वर्णित किया जाता है. इन निष्कर्षों ने हमारे जीवन के अंत की परिभाषा और अंग दान के समय को लेकर नए सवाल खड़े किए हैं.

मस्तिष्क की एक्टिविटी और मृत्यु का विज्ञान
वैज्ञानिकों का मानना है कि मस्तिष्क की गतिविधियां, जैसे गामा वेव्स, मस्तिष्क के उच्च संज्ञानात्मक कार्यों से जुड़ी होती हैं, जिनमें यादों की पुनःप्राप्ति और जीवन के महत्वपूर्ण घटनाओं की समीक्षा शामिल हो सकती है. यह खोज यह सुझाव देती है कि मस्तिष्क मृत्यु के समय में एक निश्चित प्रक्रिया से गुजर सकता है जो जीवन के अंतिम क्षणों में हमारे शारीरिक और मानसिक बदलावों को नियंत्रित कर सकती है.

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