Vastu Tips: घड़ी की सही दिशा बरसाती है अथाह धन, घर छोड़कर नहीं जातीं मां लक्ष्मी, होती है बेशुमार तरक्की
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Vastu Tips: घड़ी की सही दिशा बरसाती है अथाह धन, घर छोड़कर नहीं जातीं मां लक्ष्मी, होती है बेशुमार तरक्की

clock Vastu Tips In Hindi: वास्तु शास्त्र में घड़ी की दिशा, स्थान, आकार और रंग का विशेष महत्व है। सही दिशा और स्थान में घड़ी लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जिससे लक्ष्मी का आगमन और तरक्की के मार्ग प्रशस्त होते हैं। इसलिए, घड़ी लगाते समय उपरोक्त वास्तु नियमों का पालन करें और अपने जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली लाएं।

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wall clock Vastu Tips In Hindi: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में घड़ी लगाने की दिशा और स्थान का हमारे जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। सही दिशा में घड़ी लगाने से जहां सुख-समृद्धि और लक्ष्मी का आगमन होता है, वहीं गलत दिशा में घड़ी लगाने से तरक्की में बाधाएं और नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सकता है। आइए, विस्तार से जानते हैं कि घर में घड़ी लगाने की सही दिशा, स्थान, आकार और रंग क्या होना चाहिए, ताकि हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएं।

1. घड़ी लगाने की सही दिशा:
पूर्व दिशा:
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की पूर्व दिशा में घड़ी लगाना सबसे शुभ माना जाता है। यह दिशा सूर्य उदय की दिशा है, जो नई शुरुआत और ऊर्जा का प्रतीक है। पूर्व दिशा में घड़ी लगाने से घर में लक्ष्मी का आगमन होता है और परिवार के सदस्यों के मन में सकारात्मक विचार आते हैं।
उत्तर दिशा: उत्तर दिशा को भी घड़ी लगाने के लिए शुभ माना गया है। यह दिशा धन और समृद्धि की दिशा है। उत्तर दिशा में घड़ी लगाने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और घर में खुशहाली बनी रहती है।
पश्चिम दिशा: यदि पूर्व और उत्तर दिशा में घड़ी लगाने की सुविधा नहीं है, तो पश्चिम दिशा में भी घड़ी लगाई जा सकती है। हालांकि, इसे प्राथमिकता नहीं दी जाती, लेकिन यह दिशा भी स्वीकार्य है।

2. घड़ी लगाने से बचने वाली दिशा:
दक्षिण दिशा:
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की दक्षिण दिशा में घड़ी लगाना अशुभ माना जाता है। दक्षिण दिशा को यम की दिशा माना जाता है, जो मृत्यु और नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। इस दिशा में घड़ी लगाने से आर्थिक दिक्कतें बढ़ सकती हैं और परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

3. घड़ी लगाने का स्थान:
दरवाजे के ऊपर घड़ी न लगाएं:
घर के मुख्य द्वार या किसी भी दरवाजे के ऊपर घड़ी लगाना वास्तु के अनुसार उचित नहीं है। ऐसा करने से उसके नीचे से गुजरने वाले व्यक्ति पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ता है।
बेडरूम में घड़ी का स्थान: बेडरूम में घड़ी लगाते समय ध्यान रखें कि घड़ी बेड के ठीक सामने न हो, ताकि सोते समय घड़ी का प्रतिबिंब बेड पर न पड़े। यह नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

4. घड़ी का आकार और प्रकार:
गोल और चौकोर आकार:
वास्तु शास्त्र के अनुसार, गोल और चौकोर आकार की घड़ियां घर के लिए सबसे शुभ मानी जाती हैं। गोल घड़ी ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित करती है और घर में सकारात्मकता बनाए रखती है, जबकि चौकोर घड़ी स्थिरता और अनुशासन को बढ़ावा देती है। इन घड़ियों को उत्तर, पूर्व या पश्चिम दिशा में लगाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है। इसके विपरीत, त्रिकोणीय या अन्य असामान्य आकृतियों वाली घड़ियां मानसिक तनाव और अशांति का कारण बन सकती हैं।
पेंडुलम वाली घड़ी: पेंडुलम वाली घड़ी को वास्तु में अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि इसका निरंतर हिलता हुआ पेंडुलम ऊर्जा के प्रवाह को सक्रिय रखता है। यह घर के सदस्यों की तरक्की और सौभाग्य को बढ़ावा देती है। विशेष रूप से इसे पश्चिम दिशा में लगाना लाभकारी माना जाता है, क्योंकि यह दिशा स्थिरता और समृद्धि का प्रतीक है। पेंडुलम घड़ी का नियमित चलना आवश्यक है, क्योंकि रुकी हुई घड़ी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

5. घड़ी का रंग:
शुभ रंग:
घर में सफेद, हल्का सलेटी, आसमानी, हल्का हरा, क्रीम या लकड़ी जैसे भूरे रंग की घड़ी लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। सफेद और क्रीम रंग शांति और पवित्रता का प्रतीक हैं, आसमानी और हल्का हरा रंग मानसिक शांति और ताजगी लाता है, जबकि लकड़ी के भूरे रंग की घड़ी से स्थिरता और संतुलन बना रहता है। इन रंगों की घड़ियां न केवल वास्तु के अनुसार शुभ मानी जाती हैं, बल्कि ये घर के वातावरण को भी सौम्य और ऊर्जा से भरपूर बनाती हैं।
अशुभ रंग: काले, गहरे नीले और केसरिया रंग की घड़ियां लगाने से बचना चाहिए, क्योंकि ये रंग नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकते हैं। काला रंग अवसाद और उदासी को बढ़ावा देता है, नीला रंग अत्यधिक सोच-विचार और मानसिक तनाव को जन्म दे सकता है, जबकि केसरिया रंग अत्यधिक उत्साह या गुस्से की भावना ला सकता है। यदि घर में पहले से कोई घड़ी इन रंगों में हो तो उसे शुभ दिशा में लगाने के बजाय बदल देना ही बेहतर होता है।

6. घड़ी की स्थिति और देखभाल:
साफ-सफाई:
वास्तु शास्त्र के अनुसार, किसी भी वस्तु की स्वच्छता का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, और घड़ी भी इससे अलग नहीं है। गंदी या धूल से भरी घड़ी नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा दे सकती है और घर में आलस्य तथा ठहराव ला सकती है। इसलिए घड़ी की नियमित रूप से सफाई करना आवश्यक है। यदि घड़ी पर धूल जम जाती है, तो यह जीवन में बाधाओं और रुकावटों का संकेत हो सकता है। साथ ही, घड़ी के कांच को चमकदार और साफ रखना भी जरूरी होता है, ताकि यह सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सके।
बंद या टूटी घड़ी न रखें: घर में बंद, टूटी या खराब घड़ी रखना अत्यंत अशुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, रुकी हुई घड़ी व्यक्ति के जीवन में ठहराव और अव्यवस्था का प्रतीक होती है। इससे न केवल आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, बल्कि पारिवारिक जीवन में भी मतभेद और अस्थिरता आ सकती है। यदि घर में कोई घड़ी काम नहीं कर रही है, तो उसे तुरंत ठीक करवा लेना चाहिए या हटा देना चाहिए। खराब घड़ी नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बन सकती है, इसलिए इसे घर से बाहर करना ही बेहतर होगा।

7. घड़ी का समय:
सही समय:
वास्तु शास्त्र में समय को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, और घड़ी का सही समय पर चलना शुभ फल प्रदान करता है। घर में लगी घड़ी हमेशा सही और सटीक समय दिखानी चाहिए, क्योंकि गलत या पीछे चलने वाली घड़ी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। कुछ लोग समय की पाबंदी बनाए रखने के लिए घड़ी को 2-3 मिनट आगे रखते हैं, जो वास्तु के अनुसार भी स्वीकार्य है। यह न केवल अनुशासन को बढ़ावा देता है बल्कि व्यक्ति को समय के महत्व का भी एहसास कराता है। ध्यान रखें कि घड़ी रुकी न रहे और इसे समय-समय पर जांचते रहें, ताकि यह सही रूप से कार्य करती रहे और जीवन में तरक्की बनी रहे।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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