Pitra Shrap: 7 पीढ़ियों को भोगना पड़ता है पितरों का श्राप, मिलें ये 5 संकेत तो हो जाएं सावधान! करें ये काम
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Pitra Shrap: 7 पीढ़ियों को भोगना पड़ता है पितरों का श्राप, मिलें ये 5 संकेत तो हो जाएं सावधान! करें ये काम

Pitra Shrap Sign: सनातन धर्म में पितरों के श्राप को बहुत अशुभ माना गया है. पितृ-श्राप से पीड़ित लोग जीवन में अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं कि पितृ-श्राप के कौन-कौन से संकेत हैं और उससे मुक्ति पाने के लिए क्या करना चाहिए.

Pitra Shrap: 7 पीढ़ियों को भोगना पड़ता है पितरों का श्राप, मिलें ये 5 संकेत तो हो जाएं सावधान! करें ये काम

Pitra Shrap Sign: सनातन धर्म में देवता और पितरों का विशेष स्थान है, इसलिए किसी भी शुभ या मांगलिक कार्यों में पितरों की पूजा की जाती है. शादी, मुंडन और जनेऊ जैसे मांगलिक कार्यों में पितरों को आमंत्रित भी किया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि पितरों का आशीर्वाद संतान के लिए कल्याणकारी होता है. कहते हैं कि जब पितर नाराज हो जाते हैं तो श्राप देते हैं. पितरों की श्राप की वजह से व्यक्ति को जीवन में अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. मान्यता है कि पितरों का श्राप 7 पीढ़ियों तक चलता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि पितरों का श्राप कैसे लगता है और इसकी वजह से किन 5 परेशानियों का सामना करना पड़ता है. 

कैसे लगता है पितरों का श्राप?

धर्मशास्त्रों के अनुसार, जब कोई व्यक्ति अपने माता-पिता को कष्ट पहुंचाता है तो उसे मृत्यु के बाद भूत, प्रेत और पिशाच योनी में भटकना पड़ता है. वहीं, अगर ऐसे अपराध करने के बाद जब व्यक्ति को मनुष्य का जीवन मिलता है तो उसे पितरों का श्राप भोगना पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र में 11 तरह के पितृ श्राप का जिक्र किया गया है. 

पितरों के श्राप से होती हैं ये परेशानियां

संतान नहीं होना- ज्योतिष शास्त्र के अनुसर, जो व्यक्ति पितृ-श्राप से पीड़ित होता है, उसे संतान सुख प्राप्त नहीं होता. मान्यताओं के अनुसार, पितर श्राप देते हैं कि जो व्यक्ति उनको तृप्त नहीं कर सका, उसे संतान की क्या जरूरत है. यही वजह है कि वंश वृद्धि नहीं हो पाती.

धन का अभाव- जिन लोगों को पर पितरों का श्राप होता है, वे बराबर आर्थिक संकटों का सामना करते रहते हैं. ऐसे लोगों के पास धन और सुख-समृद्धि की कमी होती है. इसके अलावा ऐसा लोगों का जीवन धन के अभाव में ही गुजरता है. 

रुक जाती है बरकत- कहा जाता है कि जिन परिवारों में पितृ दोष होता है, वहां बरकत नहीं होती. ऐसे परिवार के सदस्य कठिन परिश्रम करने के बाद भी मन के अनुकूल सफलता नहीं पाते हैं. पितृ दोष की वजह से हर प्रकार के कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है. बनते हुए काम भी बिगड़ जाते हैं. 

रोग और शीरीरिक कष्ट- कहते हैं कि जिन जातकों से पितर नाराज होते हैं, उनके परिवार का कोई न कोई सदस्य हमेशा बीमार रहता है. पितृ दोष से पीड़ित जातकों को अनेक प्रकार के शारीरिक कष्टों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा परिवार के सदस्य दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं. 

घर में कलह-क्लेश- पितरों के नाराज होने और उनके श्राप की वजह से घर में अशांति, लड़ाई-झगड़े, सदस्यों के बीच मनमुटाव और एक दूसरे के प्रति द्वेष का भाव रहता है. घर में क्लेश की वजह से हमेशा मानसिक तनाव बना रहता है. 

पितरों के श्राप से कैसे पाएं छुटकारा

पितरों के श्राप से मुक्ति पाने के लिए सबसे आसान उपाय उन्हें प्रसन्न करना है. शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष में पितरों के निमित्त तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं. इसके अलावा पितरों की कृपा पाने के लिए पीपल की पूजा करनी चाहिए. सूर्योदय से पहले उठकर पीपल में जल चढ़ाना चाहिए. इसके साथ ही पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाना चाहिए. ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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