सूर्यास्त के बाद भूल से भी ना करें इन चीजों का दान, वरना रूठ जाएंगी धन की देवी; घर में होगा दरिद्रता का वास
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सूर्यास्त के बाद भूल से भी ना करें इन चीजों का दान, वरना रूठ जाएंगी धन की देवी; घर में होगा दरिद्रता का वास

Evening Astro Tips: दान धर्म और समाज की भलाई के लिए आवश्यक है, लेकिन इसके साथ ही हमें समय और वस्तुओं के चयन में सावधानी बरतनी चाहिए. सूर्यास्त के बाद कुछ विशेष वस्तुओं का दान करने से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे धन की देवी लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और घर में दरिद्रता का वास हो सकता है. 

 

सूर्यास्त के बाद भूल से भी ना करें इन चीजों का दान, वरना रूठ जाएंगी धन की देवी; घर में होगा दरिद्रता का वास

Evening Astro Tips: भारतीय संस्कृति में दान का विशेष महत्व है. दान को पुण्य का कार्य माना जाता है, जो न केवल समाज की भलाई के लिए है, बल्कि दाता के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाता है. हालांकि, वास्तु शास्त्र और ज्योतिष के अनुसार, दान करने के समय और वस्तुओं का चयन अत्यंत महत्वपूर्ण है. विशेष रूप से, सूर्यास्त के बाद कुछ विशेष वस्तुओं का दान करना अशुभ माना जाता है, जिससे धन की देवी लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और घर में दरिद्रता का वास हो सकता है. आइए, जानते हैं उन वस्तुओं के बारे में जिन्हें सूर्यास्त के बाद दान करने से बचना चाहिए.

नमक का दान

वास्तु शास्त्र के अनुसार, नमक नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करता है और इसे घर में शुद्धता और संतुलन बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण तत्व माना जाता है. लेकिन यदि इसे गलत समय पर दान किया जाए, तो इसका असर उल्टा हो सकता है. विशेष रूप से सूर्यास्त के बाद नमक का दान करने से घर की सकारात्मक ऊर्जा प्रभावित होती है और नकारात्मक शक्तियाँ बढ़ सकती हैं. इससे घर के सदस्यों के बीच मतभेद, अनबन और विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. इसके अलावा, यह भी माना जाता है कि नमक का सीधा संबंध धन और समृद्धि से होता है. यदि इसे गलत समय पर दान किया जाए, तो इससे आर्थिक संकट आ सकता है और घर में दरिद्रता का प्रवेश हो सकता है. इसलिए, सूर्यास्त के बाद नमक का दान करने से हमेशा बचना चाहिए.

प्याज और लहसुन का दान

प्याज और लहसुन को तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा जाता है, जो व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक संतुलन पर प्रभाव डाल सकता है. इन्हें केतु ग्रह से भी जोड़ा जाता है, जो आमतौर पर भ्रम, अनिश्चितता, और मानसिक तनाव का प्रतीक माना जाता है. यदि इनका दान सूर्यास्त के बाद किया जाता है, तो यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है और घर में कलह, विवाद तथा रिश्तों में तनाव उत्पन्न कर सकता है. यह भी कहा जाता है कि प्याज और लहसुन का संबंध बुरी आत्माओं और नकारात्मक शक्तियों से होता है, इसलिए इन्हें रात्रि के समय दान करने से दुर्भाग्य बढ़ सकता है. यदि किसी जरूरतमंद को इनका दान करना हो, तो इसे सुबह या दोपहर के समय ही करना शुभ माना जाता है.

हल्दी का दान

हल्दी को भारतीय संस्कृति में शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. यह न केवल औषधीय गुणों से भरपूर होती है, बल्कि यह बृहस्पति ग्रह से भी जुड़ी होती है, जो ज्ञान, धन, और उन्नति का प्रतिनिधित्व करता है. यदि हल्दी का दान सूर्यास्त के बाद किया जाता है, तो यह बृहस्पति ग्रह की ऊर्जा को कमजोर कर सकता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में आर्थिक अस्थिरता, वैवाहिक समस्याएँ और करियर में बाधाएँ आ सकती हैं. यह भी माना जाता है कि शाम के समय हल्दी का दान करने से सौभाग्य की देवी लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं, जिससे घर में धन की हानि हो सकती है. इसलिए, हल्दी का दान केवल शुभ मुहूर्त और सुबह के समय करना उचित होता है.

दूध और दही का दान

दूध और दही को शुद्धता, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, लेकिन इनका गहरा संबंध चंद्रमा से भी होता है. चंद्रमा मानसिक शांति और भावनात्मक संतुलन का कारक होता है, और सूर्यास्त के बाद इसका प्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगता है. यदि इस समय दूध या दही का दान किया जाए, तो यह चंद्रमा की ऊर्जा को कमजोर कर सकता है, जिससे व्यक्ति के मन में बेचैनी, घबराहट और तनाव बढ़ सकता है. इसके अलावा, यह भी माना जाता है कि शाम के समय दूध या दही का दान करने से घर की सुख-समृद्धि बाधित हो सकती है, और देवी लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं. अतः इनका दान केवल सुबह के समय ही करना चाहिए, ताकि इसके सकारात्मक प्रभाव बने रहें.

पैसे का दान

धन का लेन-देन हमेशा बहुत सोच-समझकर और शुभ समय में करना चाहिए. वास्तु शास्त्र के अनुसार, सूर्यास्त के बाद धन का दान करना घर की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. इस समय धन देने से घर में लक्ष्मी की कृपा कम हो सकती है, जिससे वित्तीय परेशानियाँ उत्पन्न हो सकती हैं. इसके अलावा, यह भी माना जाता है कि सूर्यास्त के बाद धन का दान करने से व्यक्ति के जीवन में अचानक अनचाही खर्चों की वृद्धि हो सकती है और उसे आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है. यदि किसी जरूरतमंद की सहायता करनी हो, तो इसे दिन के समय करना अधिक शुभ और लाभदायक होता है.

झाड़ू का दान

झाड़ू को घर की सफाई, समृद्धि और धन की देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. झाड़ू न केवल गंदगी को हटाता है, बल्कि यह नकारात्मक ऊर्जा को भी दूर करता है. यदि इसे गलत समय पर दान किया जाए, विशेष रूप से सूर्यास्त के बाद, तो यह घर में दरिद्रता और आर्थिक अस्थिरता को आमंत्रित कर सकता है. यह भी कहा जाता है कि झाड़ू का सीधा संबंध धन की देवी लक्ष्मी से होता है, और सूर्यास्त के बाद इसका दान करने से घर से लक्ष्मी की कृपा हट सकती है. इसलिए, झाड़ू का दान केवल सुबह के समय या शुभ मुहूर्त में करना चाहिए, ताकि यह सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखे और समृद्धि का कारण बने.

सुई और नुकीली वस्तुओं का दान

सुई और अन्य नुकीली वस्तुएँ राहु ग्रह से संबंधित होती हैं, जो अनिश्चितता, भ्रम, और नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती हैं. यदि इन्हें सूर्यास्त के बाद दान किया जाए, तो यह राहु ग्रह की अशुभता को बढ़ा सकता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में मानसिक तनाव, स्वास्थ्य समस्याएँ और बाधाएँ उत्पन्न हो सकती हैं. यह भी माना जाता है कि नुकीली वस्तुएँ नकारात्मक शक्तियों को आकर्षित कर सकती हैं, जिससे घर में अशांति बढ़ सकती है और परिवार के सदस्यों के बीच मतभेद हो सकते हैं. अतः इनका दान केवल दिन के समय और शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए, ताकि इसका प्रभाव सकारात्मक बना रहे.

दान करने का शुभ समय और वस्तुएं

दान करना एक पुण्य कार्य है, लेकिन सही समय और वस्तुओं का चयन अत्यंत महत्वपूर्ण है. सुबह का समय दान के लिए सबसे शुभ माना जाता है, जब सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा अपने चरम पर होती है. इस समय अन्न, वस्त्र, फल, स्वर्ण, और अन्य शुभ वस्तुओं का दान करना अत्यंत फलदायी होता है. इसके अलावा, जरूरतमंदों की सहायता करना, शिक्षा का दान, और चिकित्सा सहायता प्रदान करना भी अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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