Indian Passport: हममें से ज्यादातर ने भारत के इतिहास के बारे में किताबों, स्कूली पाठ्यपुस्तकों और अन्य वेब आर्काइव्स में पढ़ा है. हालांकि, उस जमाने से संबंधित किसी चीज को अब एक कीमती चीज मानी जाती है, क्योंकि यह हमारे अतीत के बारे में जानकारी देता है.
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British Indian Passport: हममें से ज्यादातर लोग भारत का इतिहास किताबों, स्कूल की पाठ्यपुस्तकों या इंटरनेट पर पढ़ते हैं. लेकिन उस दौर से जुड़ी कोई असली चीज मिल जाए, तो वह बहुत खास मानी जाती है, क्योंकि वह हमें हमारे अतीत के बारे में सीधी जानकारी देती है. हाल ही में सोशल मीडिया पर कई पुराने दस्तावेज़ शेयर किए गए हैं, जिन्होंने लोगों का ध्यान खींचा है। इसी कड़ी में, एक यूजर ने 95 साल पुराने ब्रिटिश-भारतीय पासपोर्ट की तस्वीर साझा की, जिसने इंटरनेट पर लोगों को हैरान कर दिया है.
एक्स यूजर @LostTemple7 ने एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें करतार सिंह नाम के व्यक्ति का पासपोर्ट दिख रहा है. यह पासपोर्ट थोड़ा पुराना और घिसा हुआ है, जिसका रंग रॉयल ब्लू है और उस पर ब्रिटिश सम्राट का चिह्न बना हुआ है. पोस्ट के मुताबिक, यह 1930 का ब्रिटिश-भारतीय पासपोर्ट है, जिसका इस्तेमाल भारत की आजादी के बाद बंद हो गया था.
Some Fascinating Images & videos that you Probably didn't see in History class
British Indian Passport—1930. The use of the passport was discontinued after the independence of India . pic.twitter.com/kMjpLrCKf0
— Lost Temples (@LostTemple7) February 7, 2025
सोशल मीडिया पर हुआ बंपर वायरल
इस पोस्ट को शेयर किए जाने के बाद से अब तक 1.8 मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है और इसे हजारों लाइक्स मिल चुके हैं. कई लोगों ने इसे "अनमोल विरासत" और "खजाना" बताया. कुछ यूजर्स ने सुझाव दिया कि इस पासपोर्ट को किसी संग्रहालय में रखना चाहिए. एक यूजर ने लिखा, "मुझे मेरे पूर्वजों के ऐसे ही ब्रिटिश-भारतीय पासपोर्ट मिले हैं." वहीं, दूसरे ने कमेंट किया, "मेरे दादाजी के पास भी ऐसा ही एक पासपोर्ट था."
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इससे पहले वायरल हो चुका है ब्रिटिश-भारतीय पासपोर्ट
यह पहली बार नहीं है जब किसी पुराने ब्रिटिश-भारतीय पासपोर्ट की तस्वीर वायरल हुई है. इससे पहले भी एक यूजर ने अपने दादा का 90 साल से ज्यादा पुराना ब्रिटिश-भारतीय पासपोर्ट साझा किया था. अंशुमान सिंह ने ट्विटर पर बताया कि उनके दादा को यह पासपोर्ट 1931 में लाहौर में जारी किया गया था, जो अब पाकिस्तान में है. उस समय उनके दादा की उम्र करीब 31 साल रही होगी. उन्होंने लिखा, "मेरे दादाजी का ब्रिटिश-भारतीय पासपोर्ट 1931 में लाहौर में जारी हुआ था. तब उनकी उम्र 31 साल थी." यह पासपोर्ट पंजाब राय का था और 1936 तक केवल केन्या कॉलोनी और भारत में ही वैध था. पासपोर्ट की तस्वीरों से पता चलता है कि इसमें धारक की फोटो थी और उर्दू में उनके हस्ताक्षर भी थे.