मेरे ससुराल वालों ने मुझे... दिल्ली में ऑटो चलाकर परिवार पाल रही महिला ने बताई दर्दभरी कहानी, झलक पड़ेंगे आंसू
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मेरे ससुराल वालों ने मुझे... दिल्ली में ऑटो चलाकर परिवार पाल रही महिला ने बताई दर्दभरी कहानी, झलक पड़ेंगे आंसू

Delhi Woman Auto Driver Neelam: कुछ काम ऐसे होते हैं जिनमें अभी भी एक ही लिंग के लोग ज्यादा दिखते हैं. जैसे ट्रांसपोर्ट और डिलीवरी सर्विस में अक्सर पुरुष ही नजर आते हैं, हालांकि अब ये तस्वीर धीरे-धीरे बदल रही है.

 

मेरे ससुराल वालों ने मुझे... दिल्ली में ऑटो चलाकर परिवार पाल रही महिला ने बताई दर्दभरी कहानी, झलक पड़ेंगे आंसू

Woman Taxi Driver In Delhi: कुछ काम ऐसे होते हैं जिनमें अभी भी एक ही लिंग के लोग ज्यादा दिखते हैं. जैसे ट्रांसपोर्ट और डिलीवरी सर्विस में अक्सर पुरुष ही नजर आते हैं, हालांकि अब ये तस्वीर धीरे-धीरे बदल रही है. दिल्ली के एक रेडिट यूजर ने शहर में एक महिला ऑटो ड्राइवर को देखा. पहली बार तो उन्हें हैरानी हुई, लेकिन फिर उन्होंने फैसला किया कि वो उन्हीं के ऑटो में सफर करेंगे.

 

नीलम से मिली प्रेरणा

रेडिट यूजर ने अपनी पोस्ट में बताया कि उन्होंने ऑटो में सफर करते हुए नीलम से बात की. नीलम ने उन्हें बताया कि उन्होंने ऑटो चलाना क्यों शुरू किया. नीलम की कहानी सुनकर रेडिट यूजर बहुत प्रभावित हुए. रेडिट पोस्ट में बताया गया है कि नीलम को अपने जीवन में कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

 

उन्होंने यात्री को बताया कि उनके ससुराल वाले और उनके पति उन्हें परेशान करते थे, जिसकी वजह से उन्हें लड़ना पड़ा. उन्होंने बताया कि वो आर्थिक रूप से मजबूत होने और अपनी बेटी का भविष्य सुरक्षित करने के लिए ऑटो ड्राइवर बनी हैं. 

 

She drives, She rules!
byu/FeatureAnnual9088 indelhi

 

रेडिट पोस्ट में यात्री की शुरुआती हिचकिचाहट का भी जिक्र है, जब उन्होंने एक महिला ऑटो ड्राइवर को देखा. लेकिन फिर उन्होंने नीलम की कहानी सुनी और उनके हौसले को सलाम किया. रेडिट यूजर ने लिखा, "मैंने सिर्फ एक सवारी नहीं पाई, मैंने ताकत की एक कहानी पाई. नीलम सिर्फ ऑटो नहीं चला रही हैं. वो बदलाव चला रही हैं." पोस्ट में बताया गया है कि नीलम को अपनी शादीशुदा जिंदगी में बहुत संघर्ष करना पड़ा, जिसके कारण उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होना पड़ा.

 

"मैंने लड़ने का फैसला किया"

शख्स ने आगे बताया, "जैसे-जैसे हम आगे बढ़े, मैं पूछने से खुद को रोक नहीं पाया, 'आपने इसे क्यों चुना?' वो मुस्कुराईं, एक ऐसी मुस्कान जिसमें दर्द और ताकत दोनों थे. 'मेरे पास कोई चारा नहीं था. मेरे ससुराल वालों ने मुझे तोड़ने की कोशिश की, मेरे पति ने मुझे चुप कराने की कोशिश की. लेकिन मैंने लड़ने का फैसला किया.' अब वो जो भी सवारी करती हैं, वो सिर्फ मंजिल तक पहुंचने के बारे में नहीं है. यह एक बात साबित करने, अपनी जिंदगी को वापस पाने और अपनी बेटी के लिए एक बेहतर भविष्य बनाने के बारे में है, जहां डर की कोई जगह नहीं है."

 

नीलम का हौसला देखकर हर किसी को प्रेरणा मिलती है कि मुश्किल हालातों में भी अपने सपनों को नहीं छोड़ना चाहिए.

 

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