बर्फ की जगह निकली रुई! 'स्नो विलेज' की पोल खुली, लोगों ने जमकर की आलोचना, जानें पूरा मामला
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बर्फ की जगह निकली रुई! 'स्नो विलेज' की पोल खुली, लोगों ने जमकर की आलोचना, जानें पूरा मामला

China fake Viral Video: चीन के एक टूरिस्ट प्रोजेक्ट ने हाल ही में अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी मांगी है. इस प्रोजेक्ट के तहत एक 'स्नो विलेज' तैयार किया गया था, जिसमें असली बर्फ की जगह रुई और सफेद रेत का इस्तेमाल किया गया था.

बर्फ की जगह निकली रुई! 'स्नो विलेज' की पोल खुली, लोगों ने जमकर की आलोचना, जानें पूरा मामला

China Fake Snow village: चीन अक्सर अपनी अजीबोगरीब हरकतों के लिए सुर्खियों में रहता है. इस बार मामला दक्षिण-पश्चिमी चीन के सिचुआन प्रांत का है, जहां एक टूरिस्ट प्लेस ने नकली बर्फ से ढंके ‘स्नो विलेज’ का प्रचार कर पर्यटकों को धोखा दिया. आयोजकों ने गांव को असली बर्फ से ढका दिखाने के लिए रुई, सफेद रेत और झागदार पानी का इस्तेमाल किया. जब यह बात सामने आई, तो लोगों में नाराजगी फैल गई, और अंत में आयोजकों को माफी मांगनी पड़ी.

 

 

कैसे फैला भ्रम?

चेंगदू में स्थित इस स्नो विलेज प्रोजेक्ट को चंद्र नववर्ष के दौरान पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए खास तौर पर तैयार किया गया था. आयोजकों ने गांव के घरों की छतों, लॉन, पेड़ों और झाड़ियों पर नकली बर्फ डालकर इसका प्रचार सोशल मीडिया पर कर दिया. तस्वीरों में ऐसा दिखाया गया कि गांव में भारी बर्फबारी हुई है, जिससे लोग इसे देखने के लिए खिंचे चले आए.

 

 

पर्यटकों को कैसे हुआ धोखे का एहसास?

जब पर्यटक गांव पहुंचे, तो उन्हें जल्द ही एहसास हुआ कि जिसे वे बर्फ समझ रहे थे, वह असल में रूई, सफेद सूती चादरें और झागदार पानी था. झाड़ियों की शाखाओं पर बर्फ के छोटे-छोटे टुकड़े नहीं, बल्कि रुई के गोले बिखरे हुए थे. घरों की छतों पर फैली सफेद चादरें स्टेपल की गई थीं, जिनके निशान साफ दिख रहे थे.

 

 

सोशल मीडिया पर मचा बवाल

पर्यटकों ने जब इस धोखे का खुलासा किया, तो सोशल मीडिया पर भारी आलोचना शुरू हो गई. लोगों ने कहा कि यह सिर्फ एक मजाक नहीं, बल्कि खुलेआम धोखाधड़ी है. कुछ यूजर्स ने इसे चीन के उन पुराने मामलों से जोड़ा, जहां नकली चिड़ियाघर में प्लास्टिक के जानवर रखे गए थे या एक्वावर्ल्ड में नकली मछलियां तैरती पाई गई थीं.

 

आयोजकों ने मांगी माफी

बढ़ती आलोचना के बाद स्नो विलेज के आयोजकों ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और कहा कि उनका उद्देश्य किसी को धोखा देना नहीं था, बल्कि वे एक थीमेटिक अनुभव देना चाहते थे। हालांकि, लोग इस सफाई से संतुष्ट नहीं दिखे और इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे. यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि पर्यटकों को लुभाने के लिए कई बार नकली चीजों का सहारा लिया जाता है. लेकिन जब सच्चाई सामने आती है, तो इससे सिर्फ प्रतिष्ठा खराब होती है और लोगों का विश्वास टूटता है.

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