नहीं पता होगा नाम, लेकिन शरीर में ये 2 चीजें काम करती रहेंगी, तो दूर भागेगी थकान, बॉडी होगी फिट
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नहीं पता होगा नाम, लेकिन शरीर में ये 2 चीजें काम करती रहेंगी, तो दूर भागेगी थकान, बॉडी होगी फिट

अगर आप फिट हैं, और रात को पूरी नींद लेने के बाद दिनभर थकान का सामना नहीं करना पड़ता है, तो इसका मतलब है कि शरीर में 2 चीजें अपना काम सही तरीके से कर रही हैं. 

नहीं पता होगा नाम, लेकिन शरीर में ये 2 चीजें काम करती रहेंगी, तो दूर भागेगी थकान, बॉडी होगी फिट

Mitochondria derived peptides: हर इंसान की कोशिश रहते है कि वो लंबी उम्र थक फिट रहे और उसे बेवजह की थकान न हों, हालांकि इसके लिए बॉडी में 2 चीजें अहम रोल अदा करती हैं. हम बात कर रहे हैं MOTS-c और SHLP-6 की. न्यूट्रिशनिस्ट निखिल वत्स ने बताया कि ये दोनों माइटोकॉन्ड्रिया से हासिल होने वाले पेप्टाइड्स हैं, जो मेटाबॉलिज्म, एजिंग और सेल्स की हिफाजत में अहम रोल अदा करते हैं.  वो नेचुरली से शरीर के अंदर प्रोड्यूस होते हैं, लेकिन उनके लेवल को कुछ फूड आइटम्स के जरिए प्रभावित किया जा सकता है जो माइटोकॉन्ड्रियल हेल्थ और काम को सपोर्ट करते हैं. 

 

MOTS-c और SHLP-6 के प्रोडक्शन को सपोर्ट करने वाले फूड्स

जबकि MOTS-c और SHLP-6 डायरेक्टली फूड में नहीं पाए जाते हैं, माइटोकॉन्ड्रिया-बढ़ाने वाले और पेप्टाइड-सपोर्टिव न्यूट्रिएंट्स का सेवन उनके नेचुरल प्रोडक्शन को बढ़ा सकता है.

1. हाई प्रोटीन फूड्स (पेप्टाइड्स बनाने के लिए जरूरी अमीनो एसिड के लिए)
-अंडे
-डेयरी प्रोडक्ट्स (पनीर, दही)
-दालें और फलियां (वेजिटेरियंस के लिए)
-नट्स और बीज

2. केटोजेनिक और हेल्दी फैट सोर्स (माइटोकॉन्ड्रियल एफिशिएंसी में सुधार करने के लिए)
-एवोकाडो
-नारियल तेल और एमसीटी तेल
-जैतून का तेल
-फैटी फिश (सैल्मन, मैकेरल)

3. पॉलीफेनॉल रिच फूड्स (ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने और माइटोकॉन्ड्रियल हेल्थ को सपोर्ट करने के लिए)

-ग्रीन टी
-डार्क चॉकलेट (85%+ कोको)
-ब्लूबेरी और रास्पबेरी

4. न्यूट्रिएंट डेंस फूड्स जो माइटोकॉन्ड्रियल फंक्शंस को बूस्ट करते हैं

-पालक, केल और दूसरे पत्तेदार साग (फोलेट और मैग्नीशियम से भरपूर)
-हल्दी (करक्यूमिन सेल्यूलर हेल्थ को सपोर्ट करता है)
-लहसुन और प्याज (एनर्जी मेटाबॉलिज्म के लिए सल्फर होता है)
-मशरूम (खास तौर से कॉर्डिसेप्स, जो एनर्जी प्रोडक्शन को बढ़ाते हैं)

 

MOTS-c और SHLP-6 को नेचुरली बढ़ाने के दूसरी तरीके

-इंटरमिटेंट फास्टिंग (माइटोकॉन्ड्रियल पेप्टाइड एक्सप्रेशन को बढ़ाता है)
-एक्सरसाइज (खास तौर से HIIT और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग)
-कोल्ड एक्सपोजर (ठंडे पानी से नहाना, आइस बाथ)

 

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमें इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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