शादी दो लोगों के बीच का रिश्ता होता है, लेकिन इसका असर पूरे परिवार पर पड़ता है. कई बार ससुराल वालों का हस्तक्षेप और पति की चुप्पी रिश्ते में दरार का कारण बन सकती है.
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शादी दो लोगों के बीच का रिश्ता होता है, लेकिन इसका असर पूरे परिवार पर पड़ता है. कई बार ससुराल वालों का हस्तक्षेप और पति की चुप्पी रिश्ते में दरार का कारण बन सकती है. यह तनाव धीरे-धीरे बढ़ता है और कई बार तलाक तक की नौबत आ जाती है. ऐसे में सही समय पर समझदारी से काम लेना बेहद जरूरी हो जाता है.
जब एक लड़की शादी करके नए घर में जाती है, तो वह एक नई जिंदगी की शुरुआत करती है. लेकिन कई बार ससुराल वालों का ज्यादा हस्तक्षेप शादीशुदा जिंदगी को मुश्किल बना देता है. किसी भी छोटे-बड़े फैसले में दखल देना, आलोचना करना या अपनी पसंद को थोपना बहू के लिए मानसिक तनाव का कारण बन सकता है. इससे रिश्ते में कड़वाहट आने लगती है और आपसी समझ कमजोर पड़ने लगती है.
पति की चुप्पी बन सकती है बड़ी समस्या
कई मामलों में देखा गया है कि जब पत्नी अपने साथ हो रहे व्यवहार को लेकर पति से बात करती है, तो पति चुप्पी साध लेता है. वह ससुराल वालों के खिलाफ कुछ नहीं कहना चाहता, जिससे पत्नी अकेला और असुरक्षित महसूस करने लगती है. यह इमोशनल दूरी धीरे-धीरे रिश्ते को कमजोर कर सकती है और तलाक की ओर धकेल सकती है.
कैसे बचाएं अपना रिश्ता?
खुलकर करें बातचीत
किसी भी समस्या का हल संवाद से निकलता है. अगर ससुराल वालों का व्यवहार आपको परेशान कर रहा है, तो अपने पति से खुलकर इस पर बात करें. बिना झगड़े या आरोप-प्रत्यारोप के अपनी भावनाएं व्यक्त करें.
पति को समझाएं जिम्मेदारी
एक पति के रूप में पति की यह जिम्मेदारी होती है कि वह अपने रिश्ते को प्रायोरिटी दे. उसे ससुराल वालों और पत्नी के बीच संतुलन बनाए रखना चाहिए. अगर वह चुप रहता है, तो धीरे-धीरे शादीशुदा रिश्ता कमजोर हो सकता है.
ससुराल वालों से बनाएं दूरी लेकिन सम्मान के साथ
अगर ससुराल वाले आपके रिश्ते में अधिक हस्तक्षेप कर रहे हैं, तो विनम्रता से लेकिन स्पष्ट रूप से अपनी सीमाएं तय करें. उन्हें यह समझाने की कोशिश करें कि शादीशुदा जिंदगी में कुछ फैसले पति-पत्नी को मिलकर लेने चाहिए.
काउंसलिंग का सहारा लें
यदि स्थिति बिगड़ रही है, तो कपल्स काउंसलिंग या रिलेशनशिप एक्सपर्ट की मदद लें. यह आपके रिश्ते को बचाने में मददगार हो सकता है.