Vasundhara Raje : बीजेपी (BJP) में सभी राष्ट्रीय अध्यक्ष (BJP President) निर्विरोध ही चुने गए हैं. यानि की सिर्फ एक ही नॉमिनेशन होता है और बिना वोटिंग के अध्यक्ष चुन लिया जाता है. राजस्थान (Rajasthan ) की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम पहले ही इस रेस में आ चुका है, लेकिन तब बात नहीं बनी, लेकिन क्या इस बार हालात बदल रहे हैं ?
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Vasundhara Raje : बीजेपी (BJP) में सभी राष्ट्रीय अध्यक्ष (BJP President) निर्विरोध ही चुने गए हैं. यानि की सिर्फ एक ही नॉमिनेशन होता है और बिना वोटिंग के अध्यक्ष चुन लिया जाता है. राजस्थान (Rajasthan) की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम पहले ही इस रेस में आ चुका है, लेकिन तब बात नहीं बनी, लेकिन क्या इस बार हालात बदल रहे हैं ?..
मेरे मन में भी ज्यादा चाहत बढ़ गई है और मेरी शांति भंग हो गयी है -किरोड़ी लाल मीणा
पहले बीजपी में अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया को समझ लेना जरूरी है. जिसके लिये कम से कम 15 साल तक पार्टी की प्राथमिक सदस्यता, इलेक्टोरल कॉलेज के कम से कम 20 सदस्यों का सहयोग जरूरी है. नॉमिनेशन के बदा वोटिंग होती हैऔर फिर काउंटिंग केलिये बैलेट बॉक्सेस दिल्ली आते हैं.
हालांकि में बीजेपी में आंतरिक लोकतंत्र और आम सहमति की बात कह कर कभी चुनाव नहीं हुआ है. हालांकि साल 2013 अपवाद रहा है जब नितिन गड़करी के साथ ही यशवंत सिन्हा ने नॉमिनेशन की बात कही, लेकिन फिर गडकरी के पीछे हटते ही सिन्हा भी पीछे हट गए. और राजनाथ सिंह को पार्टी की जिम्मेदारी सौंप दी गयी.
अब बात करते हैं वसुंधरा राजे, की तो पार्टी में राजे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. संघ की करीबी और पिछले कुछ समय से पीएम मोदी और अमित शाह से लगातार मुलाकात के बाद ये कयास लग रहे हैं, कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में वसुंधरा राजे भी एक नाम हो सकती हैं.
मध्यप्रदेश के भिंड से वसुंधरा राजे ने अपना सियासी सफर शुरू किया था और धौलपुर में साल 1985 के विधानसभा चुनाव के बाद से कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. चार बार विधायक, दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री और 5 बार सांसद बन चुकी वसुंधरा राजे का नाम बीजेपी के राष्ट्रीय पद की रेस में पहले भी आता रहा है. लेकिन इस बार बात बन सकती है.
2003 में परिवर्तन यात्रा, 2008 में सुराज संकल्प, 2013 में परिवर्तन यात्रा और फिर 2018 में सुराज संकल्प यात्रा करने वाली वसुंधरा राजे अपनी राजनैतिक कुशलता कई बार दर्शा चुकी हैं. हालांकि लोकसभा चुनाव 2025 में कम सक्रियता को अगर छोड़ दिया जाए, तो भी वसुंधरा राजे पार्टी के लिए ऐसा एसेट है जो हमेशा खुद को साबित करता है.