'ये केंद्र का बजट था या बिहार का...', बजट के बाद फूटा विपक्ष का गुस्सा
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'ये केंद्र का बजट था या बिहार का...', बजट के बाद फूटा विपक्ष का गुस्सा

Opposition on Budget 2025: बजट 2025 को लेकर विपक्षी नेताओं के बयान आना शुरू हो गए हैं. ज्यादातर विपक्ष के सांसदों का कहना है कि यह बजट बिहार और दिल्ली चुनाव को देखकर तैयार किया गया है. बजट में बिहार के अलावा किसी और राज्य का नाम तक नहीं है. 

'ये केंद्र का बजट था या बिहार का...', बजट के बाद फूटा विपक्ष का गुस्सा

Opposition on Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश किया है. बजट के सबसे बड़े ऐलान की बात करें तो उन्होंने 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को पूरी तरह से कर मुक्त किए जाने की घोषणा की. साथ ही बिहार के लिए भी कुछ ऐलान किए हैं. इसको लेकर विपक्ष के बीच मिला जुला रद्दे अमल देखने को मिल रहा है. 

बिहार-बिहार-बिहार

शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा,'राज्यों के नाम देखिए- बिहार, जहां चुनाव होने वाले हैं. सिर्फ बिहार, बिहार, बिहार. पंजाब का कोई जिक्र नहीं था. किसान पिछले 4 साल से MSP की कानूनी गारंटी को लेकर धरने पर बैठे हैं. उन्होंने किसानों के लिए क्या घोषणा की? यह किसान विरोधी बजट था. अपने हक के लिए लड़ रहे किसानों की सुनवाई नहीं हुई, यह दुखद है.'

बिहार के अलावा कोई राज्य नहीं

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा,'मैं यह समझने में नाकाम रहा कि यह भारत सरकार का बजट था या बिहार सरकार का? क्या आपने केंद्रीय वित्त मंत्री के पूरे बजटीय भाषण में बिहार के अलावा किसी अन्य राज्य का नाम सुना है? जब आप देश की बजट की बात करते हैं तो सारे देश के लिए कुछ ना कुछ होना चाहिए.' तिवारी ने आगे कहा कि जिन बैसाखियों की मदद से सरकार चल रही, उन बैसाखियों की मदद करने के लिए पूरे मुल्क के विकास को दांव पर लगा दिया. 

10 वर्षों का सबसे कमजोर बजट

केंद्रीय बजट पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा,'यह पिछले 10 सालों का सबसे कमजोर बजट है.ये वही पुराना बजट है जो हम पिछले 10 वर्षों से सुनते आ रहे हैं. ना तो गरीब को कुछ मिलता है और ना ही किसानों को कुछ मिलता है. ' उन्होंने आगे कहा,'हम संसद में कुंभ भगदड़ पर चर्चा चाहते हैं. इंडिया अलायंस ने वॉकआउट कर दिया और हमें अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है कि चर्चा होगी या नहीं. हम चर्चा चाहते हैं ताकि सच्चाई सामने आ सके.'

बजट आंकड़ों से जरूरी कुंभ के मरने वालों के आंकड़े

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा,'महाकुंभ 12 साल बाद आता है. हमारे लिए महाकुंभ में भगदड़ में मरने वालों का डेटा बजट डेटा से ज़्यादा महत्वपूर्ण है. सरकार यह नहीं बता पा रही है कि कितने लोग मरे, लापता हुए या घायल हुए. सरकार ने जो मौतों का आंकड़ा दिया है वो झूठा है. आपने क्या इंतज़ाम किए हैं? ये सरकार कहती है कि हम हिंदुओं की पार्टी हैं लेकिन वो हिंदुओं के इस सबसे बड़े त्यौहार के लिए इंतज़ाम नहीं कर पा रहे हैं. क्या यही है आपके विकसित भारत की परिभाषा कि लोग भगदड़ में मर जाएंगे.'

'राजनीतिक एजेंडे वाला बजट'

कांग्रेस सांसद किरण कुमार चामला ने कहा,'बजट में जब हम राज्यों के बारे में बात करते हैं तो हमने देखा है कि बिहार को बहुत महत्व दिया गया है जबकि हम तेलंगाना जैसे राज्यों की भी उम्मीद कर रहे हैं कि इसे बहुत महत्व मिलना चाहिए. हम देखेंगे कि इसका (बजट का) कुल कितना महत्व था. मुझे लगता है कि इसमें फिर से कुछ राजनीतिक बात है, हम वास्तव में देख सकते हैं कि आज के कुल बजट भाषण में एक राजनीतिक एजेंडा है.'

'मध्यम वर्ग को दिया धोखा'

डीएमके सांसद दयानिधि मारन कहते हैं,'यह बहुत मायूसीभरा बजट है. बजट ऐसा ही लगता है, इसे दिल्ली के मतदाताओं को लुभाने के लिए इस तरह से बनाया गया है, खासकर 5 फरवरी को होने वाले दिल्ली चुनावों के लिए. वित्त मंत्री ने यह कहते हुए बड़ी छूट दी है कि 12 लाख रुपये पर कोई टैक्स नहीं है. फिर वह कहती हैं कि 8-12 लाख रुपये के लिए 10% का स्लैब है. इसलिए यह बहुत भ्रामक है. मुझे लगता है कि शैतान विवरण में है. वह मतदाताओं से वादा करने की कोशिश करती हैं कि 12 लाख रुपये तक कर में छूट है, लेकिन यह सरल और सीधा नहीं है. उन्हें टीडीएस और इन सभी चीजों में दावा करना होगा. इसलिए मूल रूप से यह एक बार फिर मध्यम वर्ग के लिए एक निराशा है. ऐसा लगता है कि वित्त मंत्री ने एक बार फिर मध्यम वर्ग को धोखा दिया है. बुनियादी ढांचा देश के बाकी हिस्सों के लिए नहीं जा रहा है, यह केवल बिहार की तरफ जा रहा है क्योंकि इस साल बिहार में चुनाव हैं. तमिलनाडु या किसी अन्य दक्षिणी राज्य के लिए एक भी शब्द नहीं है.'

कुमारी शैलजा ने क्या कहा?

कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने कहा,'किसानों को एमएसपी नहीं मिला. उन्होंने परमाणु ऊर्जा की बात की, लेकिन हरियाणा के गोरखपुर में हमारा परमाणु ऊर्जा संयंत्र (गोरखपुर हरियाणा अणु विद्युत परियोजना) लंबे समय से है और दोनों ही वहां हो रहे हैं. ऐसे कई मुद्दे हैं - जैसे मनरेगा - लेकिन इस संबंध में कुछ भी घोषणा नहीं की गई. जो भी घोषणा की गई वह मुख्य रूप से बिहार और दिल्ली में चुनावों के कारण थी.'

'बिहार सोच रहा होगा क्या हर साल चुनाव हो सकते हैं'

शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा,'यह मध्यम वर्ग की जीत है, मुख्य रूप से इसलिए क्योंकि वे (लोकसभा चुनाव में भाजपा) 240 सीटों तक सीमित रह गए. पिछले 10 सालों में मध्यम वर्ग की यही मांग थी, आज उनकी बात सुनी गई है और इसलिए मैं इसका स्वागत करती हूं. (12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर नहीं). दूसरी बात बिहार सोच रहा होगा कि क्या हर साल चुनाव हो सकते हैं.'

इतने सारे इंजन हैं कि बजट पटरी से उतर गया

कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा,'वित्त मंत्री ने चार इंजनों की बात की- कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात. इतने सारे इंजन हैं कि बजट पूरी तरह से पटरी से ही उतर गया है' उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा,'डॉ मनमोहन सिंह जब प्रधानमंत्री थे तब अंतरराष्ट्रीय कंपनियां परमाणु नुकसान के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम 2010 चाहती थीं लेकिन अरुण जेटली के नेतृत्व में भाजपा ने इस अधिनियम को नुकसान पहुंचाया था. अब ट्रंप (अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप) को खुश करने के लिए, वित्त मंत्री ने अधिनियम में संशोधन करने की घोषणा की है.'

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