कलयुगी मां की करतूत, प्रेमी के साथ मिलकर कराया था बेटे का खतना, अब कोर्ट ने सुनाई सजा
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कलयुगी मां की करतूत, प्रेमी के साथ मिलकर कराया था बेटे का खतना, अब कोर्ट ने सुनाई सजा

mp news-8 साल के बच्चे का जबरन धर्म परिवर्तन कराकर उसका खतना कराने के मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने मां समेत तीन दोषियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है. 

कलयुगी मां की करतूत, प्रेमी के साथ मिलकर कराया था बेटे का खतना, अब कोर्ट ने सुनाई सजा

madhya pradesh news-इंदौर कोर्ट ने 8 साल के मासूम के जबरन धर्म परिवर्तन और खतना करने के केस में बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने पीड़ित की मां समेत तीन दोषियों को सजा सुनाई है, भारतीय दंड संहिता की धारा 467 और 471 के तहत प्रत्येक को 10-10 साल की सजा सश्रम कारावास और 5-5 हजार रुपए जुर्माना लगाया है. 

 

साथ ही धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 की धारा 5 के तहत 7-7 साल की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना, जबकि धारा 420 और 468 के तहत 5-5 साल की कैद और 5-5 हजार रुपये जुर्माने की सजा दी गई है. 

 

क्या है मामला

पूरा मामला जुलाई 2023 का है, राजस्थान के बाड़मेर निवासी व्यापारी महेश नाहटा ने इंदौर के खजराना थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. जांच के बाद पुलिस ने उसकी पत्नी प्रार्थना शिवहरे, प्रेमी इलियास अहमद और मोहम्मद जफर अली को गिरफ्तार किया था. महेश नाहटा के अनुसार, 2014 में शादी के बाद 2015 में उनका बेटा हुआ. 25 फरवरी 2018 को वह पत्नी और बेटे के साथ शाजापुर आया था, यहां से वापस लौटने के दौरान अचानक बेटे को लेकर लापता हो गई. 

 

बच्चे का कराया खतना

महिला के पति को पता चला कि पत्नी इंदौर में खजराना की रजा कॉलोनी में इलियास के साथ रह रही है, यहां उसने बच्चे का खतना करा दिया. इलियास ने खुद को बच्चे का पिता बताकर नाम और जन्म प्रमाण पत्र भी बदलवा दिए. ये सभी फर्जी प्रमाणपत्र जफर  नाम के शख्स ने बनाए. जबरन बच्चे का मजहबी स्कूल में एडमिशन करा दिया.

 

फिरौती की मांग और धमकी

महेश ने बताया कि इलियास और उसके सहयोगी हिंदू महिलाओं और उनके बच्चों का धर्मांतरण कराते थे. इलियास ने महेश से पांच लाख रुपये मांगे और कहा कि रकम देने पर ही पत्नी और बेटे को लौटाएगा. हालांकि, महेश ने डेढ़ लाख देने की पेशकश की, जिसके बाद कोई संपर्क नहीं हुआ. बाद में महेश ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई और शाजापुर कोर्ट में पत्नी से तलाक के लिए अर्जी दी. अदालत ने सुनवाई के दौरान बच्चे को पिता को सुपुर्द करने का आदेश दिया और अब कोर्ट ने तीनों दोषियों को सख्त सजा सुनाई है.

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