Kanh Close Duct Project: महाकाल की नगरी उज्जैन में लगने वाले सिंहस्थ की तैयारियां शुरू हो गई है. सिंहस्थ से पहले शिप्रा नदी के जल को स्वच्छ करने की परियोजना चल रही है. शिप्रा नदी के जल को स्वच्छ करने के लिए कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना बनाई गई है. इस परियोजना के जरिए जमीन के अंदर टनल बनाकर कान्हा नदी के रूट को डायवर्ट किया जाएगा. आइए जानते हैं क्या है शिप्रा नदी को साफ करने की परियोजना...?
दरअसल, कान्ह नदी के गंदे पानी से शिप्रा नदी के जल में सबसे अधिक गंदगी फैलती है. ऐसे में गंदे पानी को शिप्रा में मिलने से पहले ही रोक दिया जाएगा. इसके लिए 1650 करोड़ रुपए की दो बड़ी परियोजना चल रही है.
शिप्रा के पानी को स्वच्छ रखने कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना बनाई गई है. इस परियोजना के जरिए गंदे पानी को टनल और क्लोज डक्ट से डायवर्ट कर 30 किमी दूर गंभीर नदी के डाउन स्टीम में छोड़ा जाएगा.
शिप्रा नदी को शुद्ध करने के लिए कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना का कार्य चल जारी है. यह देश की यह पहली ऐसी योजना है, जिसमें किसी जमीन के अंदर ही एक नदी को दूसरी नदी से जोड़ा जा रहा है.
कान्ह डक्ट परियोजना की कुल लंबाई 30.15 किमी होगी. इसमें मालपुरा गांव के बैराज से शुरू 15 गांवों से होती हुई सिंगावदा के पास गंभीर नदी तक जमीन के अंदर करीब 100 फीट नीचे 12 किमी की इतनी बड़ी टनल बनाई जाएगी. वहीं, 18.15 किलोमीटर लंबाई में कट एंड कवर (जमीन में नहर बनाकर फिर उसे सीमेंट ब्लॉक से ढका जाएगा) बनाई जा रही है.
इससे कान्ह नदी का दूषित पानी शिप्रा नदी में नहीं मिले और शिप्रा नदी का जल स्वच्छ व निर्मल रहेगा. जिससे सिंहस्थ कुंभ 2028 में साधु-संतों के स्नान के लिए स्वच्छ जल मिलेगा. बताया जा रहा है इसका कार्य 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा.
ये टनल इतनी विशाल बनाई जा रही है कि उसमें बड़े डंपर उतरकर साफ-सफाई का काम कर सकेंगे. सबसे खास बात यह है, इसका निर्माण जमीन के अंदर होने ऊपर किसान अपनी फसल की पैदावार भी कर सकेंगे.
इसके अलावा शिप्रा नदी के जल को प्रवाहमान बनाए रखने के लिए सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना का कार्य जारी है. इसके लिए सेवरखेड़ी के पास एक बैराज से पानी को लिफ्ट कर सिलारखेड़ी डैम में डाला जाएगा.
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