मेडिकल साइंस ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. लंदन के डॉक्टरों ने पहली बार दुनिया में जन्मजात अंधेपन का सफल इलाज किया है, जिससे बच्चों की रोशनी वापस आ गई.
Trending Photos
मेडिकल साइंस ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. लंदन के डॉक्टरों ने पहली बार दुनिया में जन्मजात अंधेपन का सफल इलाज किया है, जिससे बच्चों की रोशनी वापस आ गई. यह सफलता एक दुर्लभ जेनेटिक बीमारी लेबर कॉन्जेनिटल एमाउरोसिस (LCA) के इलाज में मिली है, जिसमें बच्चों की आंखों में AIPL1 जीन की गड़बड़ी के कारण वे जन्म से ही अंधे होते हैं.
लंदन के मूरफील्ड्स आई हॉस्पिटल और UCL इंस्टिट्यूट ऑफ ऑप्थैल्मोलॉजी के विशेषज्ञों ने चार बच्चों का चयन किया, जिनकी उम्र एक से दो साल के बीच थी. ये बच्चे अमेरिका, तुर्की और ट्यूनिशिया से आए थे. डॉक्टरों ने कीहोल सर्जरी के जरिए 60 मिनट में उनके रेटिना में स्वस्थ AIPL1 जीन की कॉपी इंजेक्ट की. यह जीन एक सुरक्षित वायरस में डाला गया, जिसे बच्चों की रेटिना (आंखों की लाइट-सेंसिटिव परत) में इंजेक्ट किया गया.
इस जीन का काम फोटोरेसेप्टर सेल्स (रोशनी महसूस करने वाली सेल) को सही तरीके से काम करने में मदद करना है, जिससे दिमाग सही रूप से दृश्य को समझ सके.
इलाज के चमत्कारी परिणाम
इलाज के बाद चारों बच्चों की दृष्टि में अद्भुत सुधार देखा गया. वे अब आकार पहचान सकते हैं, खिलौनों को देख और पकड़ सकते हैं, अपने माता-पिता के चेहरे पहचान सकते हैं और कुछ मामलों में पढ़ने-लिखने में भी सक्षम हो गए हैं.
विशेषज्ञों ने क्या कहा?
मूरफील्ड्स आई हॉस्पिटल के विशेषज्ञ प्रोफेसर मिशेल माइकलिड्स ने कहा कि यह परिणाम बेहद प्रभावशाली हैं और दिखाते हैं कि जीन थेरेपी से जीवन बदला जा सकता है. यह बचपन में होने वाले सबसे गंभीर अंधेपन के लिए एक प्रभावी उपचार साबित हुआ है. वहीं, इस शोध से जुड़े प्रोफेसर जेम्स बैनब्रिज ने कहा कि इन बच्चों की दृष्टि में इतना सुधार हुआ है कि वे अब छोटी चीजों को उठा सकते हैं और दूर से खिलौने पहचान सकते हैं. यह उन बच्चों के लिए बड़ी उम्मीद है, जो बिना इलाज के कुछ वर्षों में पूरी तरह दृष्टिहीन हो जाते.
भविष्य की उम्मीद
इस सफलता के बाद, सात और बच्चों का इलाज एवेलिना लंदन चिल्ड्रेंस हॉस्पिटल में किया गया है. इस तकनीक को ब्रिटेन की मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर रेगुलेटरी एजेंसी से विशेष लाइसेंस मिला है और इसे जीन थेरेपी कंपनी MeiraGTx का समर्थन प्राप्त है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.