Sanjay Raut: बात निकली है दूर तलक जाएगी...BJP को लेकर यूं ही नहीं फिसल रही राउत की जुबान
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Sanjay Raut: बात निकली है दूर तलक जाएगी...BJP को लेकर यूं ही नहीं फिसल रही राउत की जुबान

Devendra Fadnavis and Sanjay Raut: महाराष्‍ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद अगले चंद महीनों के भीतर निकाय चुनाव होने जा रहे हैं. उसको ही लेकर नए सिरे से पेशेबंदी हो रही है.

Sanjay Raut: बात निकली है दूर तलक जाएगी...BJP को लेकर यूं ही नहीं फिसल रही राउत की जुबान

Maharashtra Politics: महाराष्‍ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद अगले चंद महीनों के भीतर निकाय चुनाव होने जा रहे हैं. उसको ही लेकर नए सिरे से पेशेबंदी हो रही है. सबसे ज्‍यादा हलचल विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) में हो रही है. उद्धव ठाकरे गुट वाली शिवसेना, कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. चुनावी हार के बाद उद्धव की पार्टी के भीतर चर्चा चल रही है कि एक बार फिर बीजेपी के साथ गठबंधन किया जाए तो वहीं शरद पवार की पार्टी के नेता चाहते हैं कि अजित पवार के साथ मिलकर एकजुट हों. राज ठाकरे भी कभी बीजेपी के पक्ष में कभी खिलाफ में बोल रहे हैं. 

कुल मिलाकर निकाय चुनावों के बहाने महाराष्‍ट्र में नए सियासी बयार की तैयारी हो रही है. मौका भी मिल गया. बुधवार रात विधायक पराग अलवानी की बेटी के विवाह के मौके पर आयोजित प्रीतिभोज में उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी मिलिंद नार्वेकर एवं भाजपा के मंत्री चंद्रकांत पाटिल के बीच कुछ हंसी-मजाक वाली बातचीत हुई. प्रीतिभोज में ठाकरे भी मौजूद थे. 

भाजपा नेता अलवानी मुंबई के उपनगरीय क्षेत्र विले पार्ले से तीन बार विधायक रह चुके हैं. भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि ठाकरे के अलवानी के साथ अच्छे संबंध हैं. समारोह में शामिल लोगों ने बताया कि नार्वेकर ने पाटिल से मजाक में कहा, "यह अच्छा है कि पत्रकार यहां नहीं हैं... अन्यथा वे कहेंगे कि गठबंधन की बातचीत चल रही है." पाटिल ने चुटकी लेते हुए कहा, "यह एक स्वर्णिम क्षण होगा."

बस इसी बात के बाद गुरुवार को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने दावा किया कि महाराष्‍ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा के कई नेता उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं. राउत ने कहा कि हालांकि शिवसेना (उबाठा) के भीतर ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई है लेकिन पार्टी के कुछ सदस्य भी ऐसी ही भावनाएं रख सकते हैं. उन्‍होंने कहा कि पाटिल भाजपा की पुरानी पीढ़ी से हैं जो शिवसेना-भाजपा संबंधों के महत्व को समझते हैं. यह 25 वर्षों तक अच्छी तरह से काम करता रहा.

राउत ने कहा कि भाजपा में कई लोग पाटिल की "स्वर्णिम क्षण" वाली भावनाओं को साझा करते हैं. उन्होंने कहा, "मुझे संदेह है कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना कितने समय तक भाजपा के साथ रहेगी. हम ‘इंतजार करो और देखो’ की स्थिति में हैं."

यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना (उबाठा) के नेता भी भाजपा के साथ गठबंधन की ऐसी भावना रखते हैं, राउत ने कहा, "हो सकता है. हम भाजपा के कुछ नेताओं की वजह से ‘एमवीए’ के साथ गए. आपने हमारी पार्टी को विभाजित कर दिया और एकनाथ शिंदे को वह दे दिया जिसकी हम मांग कर रहे थे."

उन्होंने कहा, "हमने पहले भी कई बार इस तरह की चर्चा की है. हालांकि शिवसेना (उबाठा) में अभी तक ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है."

फडणवीस का जवाब
हालांकि गुरुवार शाम तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत के इस दावे को खारिज कर दिया कि सत्तारूढ़ भाजपा के कई नेता उद्धव ठाकरे नीत पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं. दिल्ली में पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल पर फडणवीस ने कहा कि सामान्य बैठकों को राजनीतिक रूप से नहीं देखा जाना चाहिए. राउत के दावों को खारिज करते हुए फडणवीस ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, "किसी को भी इतना भोला नहीं होना चाहिए... लोग प्रीतिभोज में मिलें और गठबंधन बन जाए या दल करीब आ जाएं.’’

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