Aditya Pancholi: आदित्य पंचोली का नाम हमेशा से ही किसी न किसी विवाद में सामने आता रहा है. हाल ही में मुंबई सेशन कोर्ट ने उनको एक 20 साल पुराने केस में दोषी पाया और अपना फैसला सुनाया. चलिए बताते हैं क्या था वो पूरा मामला?
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Aditya Pancholi Parking Assault Case: बॉलीवुड एक्टर आदित्य पंचोली अक्सर ही किसी न किसी विवाद को लेकर सुर्खियों में छाए रहते हैं. फिर चाहे वो किसी सेलेब्रिटी से जुड़ा हो या आम पब्लिक से जुड़ा. हाल ही में मुंबई की एक सेशंस कोर्ट ने एक्टर को एक 20 साल पुराने केस में दोषी करार दिया है और साथ ही अपना फैसला भी सुनाया. ये मामला साल 2005 का है. जब उन्होंने पार्किंग को लेकर अपने एक पड़ोसी से झगड़ा मोल लिया था और उसके साथ मारपीट की थी.
उसी हाथापाई में पड़ोसी के नाक पर फ्रैक्चर आ गया था. इसके बाद ये मामला कोर्ट पहुंचा. जहां इस पर लंबी सुनवाई के बाद 2016 में अंधेरी के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने उन्हें दोषी ठहराते हुए एक साल की जेल की सजा सुनाई थी. इस फैसले के खिलाफ एक्टर ने ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाया. वहां करीब 8 साल तक मामला चला और आखिरकार शुक्रवार को अदालत ने अपना आखिरी फैसला सुनाया. मुंबई की सत्र अदालत ने भी उन्हें दोषी मानते हुए मजिस्ट्रेट द्वारा दी गई सजा को सही बताया.
एक्टर को देना होगा पीड़ित को मुआवजा
हालांकि, उनके अच्छे व्यवहार को देखते हुए अदालत ने उन्हें सजा से राहत दी और बॉन्ड पर रिहा करने का आदेश दिया. कोर्ट ने 59 साल के एक्टर को पीड़ित प्रतीक पाशिने को 1.5 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है, ताकि वो अपराधियों के लिए बने प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट का लाभ ले सकें. अंधेरी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने नवंबर 2016 में पंचोली को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 325 (जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाने) के तहत दोषी ठहराया था.
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20 साल पुराना है ये मामला
हालांकि, कोर्ट के इस फैसले से पंचोली को बड़ी राहत मिली है. ये घटना करीब दो दशक पुरानी है. अगस्त 2005 में पंचोली ने अपने पड़ोसी प्रतीक पाशिने से पार्किंग को लेकर झगड़ा किया था. शाम को जब पंचोली घर लौटे, तो उन्होंने अपनी पार्किंग की जगह पर दूसरी कार खड़ी देखी. इस पर उन्होंने अपनी कार उसके पीछे खड़ी कर दी. रात 8 बजे प्रतीक पाशिने के वॉचमैन ने उन्हें फोन कर गाड़ी हटाने को कहा. इंटरकॉम पर दोनों के बीच बहस हुई, लेकिन पाशिने कार हटाने नीचे आ गए.
इस धाराओं में हुआ था केस दर्ज
इसी दौरान पंचोली वहां पहुंचे और उन्होंने उन पर हमला कर दिया. प्रतीक पाशिने का कहना है कि जब उनके पिता बीच-बचाव करने आए, तो पंचोली ने उन्हें भी मारा. अगले दिन, पाशिने ने वर्सोवा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई. इस मामले में पंचोली के खिलाफ IPC की धारा 323 (चोट पहुंचाने की सजा), 325 (गंभीर चोट पहुंचाने की सजा), 504 (जानबूझकर अपमान कर झगड़ा भड़काने का प्रयास) और 501(2) (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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