रांची में महिला की गैंगरेप के बाद हत्या के बाद कुछ दरिंदों ने लाश को पेट्रोल छिड़ककर जला दिया था. चार साल पुराने इस ब्लाइंड केस के आरोपियों तक पहुंचने में जिस तरह पुलिस ने जांच की उसकी चर्चा आज भी होती है.
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Murder Mystery: रांची में महिला की गैंगरेप के बाद हत्या के बाद कुछ दरिंदों ने लाश को पेट्रोल छिड़ककर जला दिया था. चार साल पुराने इस ब्लाइंड केस के आरोपियों तक पहुंचने में जिस तरह पुलिस ने जांच की उसकी चर्चा आज भी होती है. रांची जिले के इस बहुचर्चित गैंगरेप-मर्डर केस में सिविल कोर्ट ने तीन आरोपियों रामचंद्र मुंडा, सुखलाल मुंडा एवं संजय टूटी को दोषी करार दिया है. अपर न्यायायुक्त की कोर्ट ने ट्रायल पूरा होने के बाद शुक्रवार को फैसला सुनाया.
सजा पर 7 दिन बाद सुनवाई
इस केस में सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 15 फरवरी की तारीख तय की गई है. रांची के दशम फॉल इलाके के जंगल से 20 फरवरी 2021 को पुलिस ने महिला का अधजला शव बरामद किया था. जांच में यह बात सामने आई थी कि महिला के साथ पहले दुष्कर्म किया गया था और बाद में उसकी गला रेतकर हत्या कर दी गई थी.
पुलिस ने सुलझाया ब्लाइंड केस
आरोपियों ने साक्ष्य छुपाने के लिए शव को पेट्रोल छिड़ककर जला दिया था. इस केस में चिन्हित किए गए चारों आरोपी दशम फॉल थाना क्षेत्र के हेसापीढ़ी के रहने वाले थे. एक आरोपी की मौत ट्रायल के दौरान हो गई. जिस महिला का अधजला शव बरामद किया गया था, उसके बारे में पता चला कि वह 17 फरवरी 2021 को बुंडू स्थित बैंक से पैसा निकालने के लिए गई थी. लेकिन, पैसा नहीं निकला.
पहचान वाले ने खत्म कर दी जिंदगी
इसके बाद उसने अपने परिचित लक्ष्मण मुंडा और सुखलाल मुंडा को फोन किया और दो हजार रुपए कर्ज मांगे. लक्ष्मण पैसे देने के लिए तैयार हो गया. उसने महिला से कहा कि पैसा घर पर है, लेने जाना होगा. पैसा देने की बात कर दोनों महिला को बाइक पर बिठाकर हेसापीढ़ी कोलाबुरू के जंगल ले गए, जहां पहले से दो अन्य लोग राम मुंडा और संजय टूटी मौजूद थे. चारों ने उससे बारी-बारी दुष्कर्म किया. इसके बाद दरिंदों ने महिला का गला रेतकर मारडाला और शव पर पेट्रोल छिड़ककर आग के हवाले कर दिया. इस केस में पुलिस महिला के मोबाइल नंबर से कॉल डिटेल निकालकर अपराधियों तक पहुंची थी. केस में अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से एपीपी सिद्धार्थ सिंह ने मामले में ठोस गवाही कराई थी. (IANS)