fake Army recruit racket: दक्षिणी कमान सैन्य खुफिया के साथ एक संयुक्त अभियान में पुणे सिटी पुलिस ने एक ठग को पकड़ा है. जो कथित तौर पर एक फर्जी सेना भर्ती रैकेट चला रहा था. ठग का टारगेट महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तराखंड के युवा थे, उनसे पैसे लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र दे रहा था. जानें पूरी कहानी.
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Pune Police bust fake Army recruit racket: सेना में भर्ती कराने के नाम पर युवाओं को ठगने वाले एक ठग को पुणे में गिरफ्तार किया गया है. पुणे पुलिस ने सैन्य खुफिया इकाई के साथ संयुक्त अभियान में सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर 4.8 लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में एक व्यक्ति को बुधवार को गिरफ्तार किया. पुलिस ने बताया कि उत्तराखंड के रहने वाले आरोपी मोहित धामी ने कथित तौर पर पीड़ितों से दावा किया कि वह पुणे में आर्मी कमांड अस्पताल में कार्यरत है. पुलिस के अनुसार, महाराष्ट्र के धुले के 23 वर्षीय एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई कि धामी ने उसे झांसा दिया कि वह सेना में नौकरी दिलाने में उसकी मदद कर सकता है. पुलिस ने इस मामले की जांच के सिलसिले में धामी को गिरफ्तार किया है.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन मामलों में जांचकर्ताओं ने पहचान पत्र, नियुक्ति पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र, सेवा प्रमाण पत्र और यहां तक कि कर कटौती प्रमाण पत्र, संदिग्धों की पहचान सेना अधिकारी के रूप में करने वाले बैंक दस्तावेज और कुछ मामलों में सेना प्रतिष्ठानों के फर्जी मुहर और लेटरहेड जैसे जाली दस्तावेज बरामद किए हैं.
31 साल का ठग
दक्षिणी कमान सैन्य खुफिया के साथ एक संयुक्त अभियान में, पुणे सिटी पुलिस ने एक 31 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो कथित तौर पर एक फर्जी सेना भर्ती रैकेट चला रहा था और महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तराखंड के इच्छुक युवाओं से पैसे लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र दे रहा था.
फर्जी रैकेट का कैसे मिला इनपुट?
दक्षिणी कमान सैन्य खुफिया द्वारा एक संदिग्ध व्यक्ति के बारे में बुंडगार्डन पुलिस स्टेशन के अधिकारियों के साथ एक विशिष्ट खुफिया इनपुट साझा किया गया था जो एक फर्जी भर्ती रैकेट चला रहा था. जांच में पता चला कि मोहित रामसिंह धामी (31) नामक संदिग्ध व्यक्ति उत्तराखंड, पंजाब और महाराष्ट्र के गरीब आर्थिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों से संपर्क कर रहा था.
हर उम्मीदवार से 2 लाख की मांग
जांच में पता चला कि धामी ने उम्मीदवारों से संपर्क कर दावा किया कि उसके पास संपर्क हैं और वह भर्ती करवा सकता है. उसने प्रत्येक उम्मीदवार से दो लाख रुपये मांगे और उन्हें सेना में नौकरी दिलाने का वादा किया. उसने उन्हें जाली लेटरहेड और मोहर के साथ फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिए. हम अब जांच कर रहे हैं कि उसने अब तक कितने उम्मीदवारों को ठगा है.”
पिछले कुछ सालों में सेना के नाम पर हो रही ठगी
पिछले कुछ वर्षों में पुलिस ने दक्षिणी कमान के सहयोग से सेना के कर्मियों के रूप में खुद को पेश करने या सशस्त्र बलों में संपर्क का दावा करने वाले धोखेबाजों के कई मामलों का पर्दाफाश किया है. ये मामले पुणे, नासिक, अहमदनगर जिलों से सामने आए हैं, जिनमें सेना के अधिकारी या कर्मी के रूप में खुद को पेश करने वाले, सेना की वर्दी पहनने वाले और अंदरूनी लोगों से संपर्क का दावा करने वाले जालसाजों को गिरफ्तार किया गया है. अधिकारियों ने कहा कि इन जिलों में कई प्रमुख रक्षा प्रतिष्ठानों की मौजूदगी के संदर्भ में, इस तरह के छद्मवेश के मामले सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं.
ठग के पास थे सभी फर्जी कागज
इन मामलों में जांचकर्ताओं ने पहचान पत्र, नियुक्ति पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र, सेवा प्रमाण पत्र और यहां तक कि कर कटौती प्रमाण पत्र जैसे जाली दस्तावेज बरामद किए हैं, साथ ही कुछ मामलों में संदिग्धों की पहचान सेना अधिकारी के रूप में करने वाले बैंक दस्तावेज और सेना प्रतिष्ठानों के फर्जी मुहर और लेटरहेड भी बरामद किए हैं.