India Got Latent Case Latest Updates: अपने यूट्यूब शो 'इंडियाज गॉट लेटेंट' में अश्लील टिप्पणियां करने पर रणवीर अल्लाहबादिया और उसके साथी बुरी तरह फंसते जा रहे हैं. दो ऐसे केंद्रीय कानून हैं, जिससे बच पाना अल्लाहबादिया 'गैंग' के लिए भारी साबित होगा.
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Laws to Prevent Obscenity in Online Content: यूट्यूब चैनल 'बीयर बाइसेप्स' के शो 'इंडियाज गॉट लेटेंट' में की गई अश्लील टिप्पणियां अब चैनल के संस्थापक रणवीर अल्लाहबादिया समेत दूसरे होस्ट के लिए जी का जंजाल बन गई हैं. यह मामला महाराष्ट्र विधानसभा से लेकर संसद तक गूंज रहा है और मुंबई से लेकर असम तक उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज हो रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी लोग जमकर भड़के हुए हैं और शो में वल्गर टिप्पणियां करने वाले सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. सार्वजनिक हस्तियों के कार्यों को अश्लील" करार दिए जाने के मामलों की सुनवाई के मामले कोई नए नहीं है. लेकिन ऑनलाइन कंटेंट में अश्लीलता को नियंत्रित करने वाले कानून क्या हैं? आखिर अदालतें यह कैसे निर्धारित करती हैं कि मीडिया का कोई हिस्सा "अश्लील" है या नहीं?
असम में दर्ज हो चुकी है रिपोर्ट
इस मामले में मुंबई पुलिस ने अभी तक रिपोर्ट दर्ज नहीं की है. लेकिन असम पुलिस ने सोमवार को रणवीर अल्लाहबादिया, समय रैना, अपूर्वा समेत 6 खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएस) की धारा 296 के तहत केस दर्ज कर लिया. इस धारा में "अश्लील कृत्य" के आरोप भी शामिल हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि अश्लील टिप्पणियां कर लाइमलाइट में आने की कोशिश कर रहे लोगों को अब कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने पड़ सकते हैं. खुद को घिरता देख रणवीर अल्लाहबादिया ने एक वीडियो जाकर खेद जताया है लेकिन उस वीडियो में भी उसकी ऐंठन साफ दिखाई देती है, जिससे लोग और भड़के हुए हैं.
ऑनलाइन कंटेंट में अश्लीलता रोकने वाले कानून
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 294 उन लोगों को दंडित करती है जो अश्लील किताबें, पेंटिंग और फिगर बेचते हैं. इसमें ऐसी सामग्री को खरीदने, उसकी मार्केटिंग करने या मुनाफा कमाने वाले भी शामिल हैं. फिर चाहे वह इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में ही क्यों न हो. इस धारा में कहा गया है, ऐसी सामग्री जो खुले तौर पर सेक्सुअल है. जो कामुक है या स्वार्थी हित को आकर्षित करती है. जो उन लोगों को भ्रष्ट करने की प्रवृत्ति रखती है, जो इसे देखने, पढ़ने या सुनने की क्षमता रखते हैं. इस अपराध में पहली बार पकड़े जाने वाले लोगों को 5 हजार रुपये जुर्माना 2 साल तक की सजा का प्रावधान है.
आईटी एक्ट की ये धारा है ज्यादा खतरनाक
इसके अलावा आईटी एक्ट 2000 की धारा- 67 में ऑनलाइन मीडिया में अश्लीलता रोकने के प्रावधान किए गए हैं. इसके तहत अश्लील सामग्री को ऑनलाइन प्रकाशित या प्रसारित करना भी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 के तहत दंडित किया जा सकता है. अश्लील सामग्री की परिभाषा बीएनएस की धारा 294 (पहले भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 292) के तहत प्रदान की गई परिभाषा के समान है. लेकिन आईटी एक्ट में अधिक कठोर सजा का प्रावधान है. इसमें पहली बार अपराध करने पर 5 लाख रुपये जुर्माना और तीन साल तक की कैद का प्रावधान है.
संपत्तियां जब्त कर सकती है पुलिस!
वकीलों के मुताबिक, अगर पुलिस ने ईमानदारी से कार्रवाई की तो आरोपियों को लंबे वक्त तक के लिए जेल जाना पड़ सकता है. पुलिस उनकी संपत्तियां भी जब्त कर सकती है. इसमें अल्लाहबादिया का चैनल भी शामिल है. साथ ही उस शो में आए लोगों के खिलाफ भी पुलिस एक्शन ले सकती है. अब मामला कहां तक पहुंचेगा, इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं.