Pariksha Pe Charcha 2025: 'परीक्षा पे चर्चा' में विक्रांत मैसी शामिल हुए, उनका संदेश था कि हर छात्र में अपार संभावनाएं छिपी होती हैं. स्टूडेंट्स "क्रिएटिविटी विद पॉजिटिविटी" का मंत्र अपनाकर सफलता पा सकते हैं. उन्होंने कहा सपने देखें और उनको हकीकत बनाने के लिए मेहनत करना जरूरी है.
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Vikrant Massey on Pariksha Pe Charcha 2025: परीक्षा के समय का तनाव और दबाव हमेशा छात्रों के लिए चिंता का विषय रहा है. इसी पर चर्चा के लिए 'परीक्षा पे चर्चा 2025' के छठे एपिसोड में अभिनेता विक्रांत मैसी ने बच्चों के साथ अपनी मुलाकात की. एक्टर ने मिशन क्रिएटिविटी विद पॉजिटिविटी या अपने काम के साथ पॉजिटिव कैसे रहें, इस पर चर्चा की. उन्होंने "क्रिएटिविटी विद पॉजिटिविटी" का मंत्र दिया और बताया कि कैसे सकारात्मक सोच और क्रिएटिविटी से अपने सपनों को सच किया जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने बच्चों को पावर टूल जर्नलिंग, पावर ऑफ विजुअलाइजेशन का मंत्र भी दिया. ये भी कहा कि अपनी कोशिशों को नजरअंदाज न करें उन्हें पूरा सम्मान दें.
विक्रांत मैसी का संदेश: पॉजिटिविटी अपनाएं
बच्चों से बातचीत करते हुए विक्रांत मैसी ने जोर देकर कहा कि हर छात्र में अद्वितीय प्रतिभा छिपी होती है. उन्होंने बताया कि नंबरों के पीछे भागने के बजाय, अपनी स्किल्स और रुचियों को पहचानकर उन्हें निखारें. उनका मानना है कि सकारात्मक सोच और आत्म-विश्वास से कोई भी परीक्षा का दबाव कम किया जा सकता है.
पावर ऑफ विजुअलाइजेशन
मैसी ने बच्चों को पावर ऑफ विजुअलाइजेशन का भी महत्वपूर्ण संदेश दिया. उन्होंने बताया कि जैसे एक छात्र अपनी पसंद की शर्ट का रंग अलग-अलग तरीकों से देख सकता है, वैसे ही हर व्यक्ति को अपनी सफलता की तस्वीर खुद बनानी चाहिए. यह तकनीक न केवल लक्ष्य निर्धारण में मदद करती है, बल्कि आपके आत्मविश्वास को भी बढ़ाती है.
पावर टूल जर्नलिंग
एक अन्य प्रेरणादायक सुझाव था पावर टूल जर्नलिंग का. उनका कहना था कि वर्तमान में उपलब्ध तकनीकी साधनों का सही उपयोग कर परीक्षा का दबाव कम किया जा सकता है. विक्रांत मैसी ने कहा कि रोजाना कुछ मिनट अपने विचारों और उपलब्धियों को लिखना, अपने सपनों को साकार करने का पहला कदम है. इस प्रक्रिया को मेनिफेस्टेशन कहा जाता है, जिससे व्यक्ति को अपनी सफलता के रास्ते पर निरंतर प्रेरणा मिलती रहती है. विक्रांत ने पावर टूल जर्नलिंग के बारे में भी बच्चों को बताते हुए कहा, "आपको कुछ नहीं करना है, बस दिन में 10 मिनट या हफ्ते में 40 मिनट निकालने हैं और आपको उन चीजों के बारे में सोचना है और उसे लिखना है, जो आप लाइफ में अचीव करना चाहते हैं. आप अपनी खुशियां, निराशा और लक्ष्य पर लिखें. आपने दिन भर क्या किया, उसके लिए अगर आप लिखने लगते हैं, तो ये भी एक तरह का मेनिफेस्टेशन है.
एग्जाम स्ट्रेस से निपटने के तरीके
बच्चों संग बातचीत के दौरान अभिनेता विक्रांत मैसी ने कहा, "बच्चों, आप सब बहुत लकी हो कि आज आपके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'परीक्षा पे चर्चा' है. मैसी ने अपनी पीढ़ी के अनुभव साझा करते हुए बताया कि उनके समय में परीक्षा का माहौल बहुत कड़ा था, जहां कर्फ्यू और टीवी बंदी जैसी स्थितियां आम थीं. हम पूरे साल खेल खेलते थे, पर परीक्षा में खेल का सवाल ही नहीं उठता था, लेकिन आज के समय में डिजिटल युग में नई तकनीकें और मोबाइल से जुड़ी सुविधाएं हैं, जो बच्चों को नए तरीके से सीखने और सोचने में मदद करती हैं. आज के समय में प्ले टाइम मोबाइल से जुड़ गया है और हमारे समय में ये मैदान से जुड़ा रहता था. बच्चों, पीएम मोदी भी कहते हैं कि जो प्रेजेंट है, वो आज के समय में सबसे खास प्रेजेंट है.
पेरेंट्स के लिए सलाह
विक्रांत ने पेरेंट्स से भी कहा कि बच्चों पर अनजाने में दबाव न डालें. उन्होंने कहा कि बच्चों की क्षमताओं को समझें, उनकी स्किल्स को बढ़ावा दें और नंबरों के पीछे न भागें. सही दिशा में मार्गदर्शन से बच्चे अपने आप में आत्मविश्वासी बनते हैं. विक्रांत ने इस प्रेरणादायक बातचीत ने बच्चों और माता-पिता दोनों को यह सीख दी कि सकारात्मक सोच और निरंतर प्रयास से कोई भी चुनौती पार की जा सकती है.
(इनपुट- आईएएनएस)