Dangerous Indian Airports: भारत में कुछ ऐसे जोखिम भरे एयरपोर्ट रनवे हैं, जो न केवल तकनीकी और भौगोलिक चुनौतियां पेश करते हैं, बल्कि एविएशन सिक्योरिटी के क्षेत्र में नए स्टैंडर्ड स्थापित करने की जरुरत भी महसूस कराते हैं. जानिए इनके बारे में...
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Most Dangerous Airport Runways of India: भारत में कई एयरपोर्ट ऐसे हैं, जहां टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान जोखिम कहीं ज्यादा होता है. ऐसे रनवे पर उड़ान भरना नए ही नहीं, अनुभवी पायलट्स के लिए भी एक बड़ी चुनौती है, जहां एक छोटी-सी चूक या लापरवाही भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है. आज हम जानेंगे कि कौन से एयरपोर्ट इतने खतरनाक हैं कि यहां अच्छे-अच्छे पायलट की भी हालत खराब हो जाती है...
लेंगपुई एयरपोर्ट: पानी की धाराएं
मिजोरम में स्थित लेंगपुई एयरपोर्ट को भारत के सबसे खतरनाक एयरपोर्ट में से एक माना जाता है. यहां रनवे के नीचे लगातार पानी की धाराएं बहती हैं, जो बारिश के मौसम में स्थिति को और भी जोखिम भरा बना देती हैं. ऐसे माहौल में टेकऑफ और लैंडिंग करना पायलट्स के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं है.
लेह रिमपोची एयरपोर्ट: ऊंचाई का खौफ
जम्मू-कश्मीर के लेह में स्थित रिमपोची एयरपोर्ट, जिसकी ऊंचाई 3259 मीटर है, जहां टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान अत्यंत जोखिम भरा अनुभव होता है. अत्यधिक ऊंचाई और पतली वायुमंडलीय स्थिति के कारण यहां विमान को नियंत्रित करना काफी मुश्किल हो जाता है.
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कांगड़ा एयरपोर्ट: हिमाचल की चुनौती
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में स्थित गग्गल एयरपोर्ट, जिसकी ऊंचाई लगभग 2492 फीट है, भी एक खतरनाक रनवे के रूप में जाना जाता है. यहां के बदलते मौसम और उंचाई के कारण विमान की लैंडिंग में पायलट्स को बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है.
मैंगलोर एयरपोर्ट: टेबलटॉप रनवे का खौफ
मैंगलोर एयरपोर्ट को टेबलटॉप एयरपोर्ट के तौ पर जाना जाता है. साल 2010 में यहां एक बड़े विमान हादसे की घटना ने इसकी खतरनाक प्रकृति को उजागर किया, जब एयर इंडिया की एक फ्लाइट रनवे से आगे निकल गया था और पहाड़ी से नीचे गिरने पर उसमें आग लग गई थी. इस रनवे के आकार और आस-पास के भू-भाग के कारण टेकऑफ और लैंडिंग करना जोखिम भरा होता है.
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सुरक्षा उपाय
इन खतरनाक रनवे पर उड़ान भरने के दौरान पायलट्स को स्पेशल ट्रेंनिंग और लेटेस्ट तकनीकी मदद की जरुरत होती है. एयरपोर्ट सुरक्षा में CCTV निगरानी, सख्त नियम और विशेष प्रबंधन प्रक्रियाएं अपनाई जाती हैं, ताकि किसी भी अनहोनी को रोका जा सके.
अनुभव की अहमियत
इन एयरपोर्ट्स पर उड़ान भरना केवल तकनीकी दक्षता का ही नहीं, बल्कि अनुभव और मानसिक दृढ़ता का भी प्रश्न है. अनुभव होने के बाद भी यहां पायलट्स की छोटी-सी चूक जोखिम पैदा कर सकती है.