RBI ताबड़तोड़ खरीद रहा है सोना, आखिर भारत क्यों बना रहा गोल्ड का भंडार, क्या किसी संकट के लिए कर रहा खुद को तैयार ?
Advertisement
trendingNow12644743

RBI ताबड़तोड़ खरीद रहा है सोना, आखिर भारत क्यों बना रहा गोल्ड का भंडार, क्या किसी संकट के लिए कर रहा खुद को तैयार ?

RBI Gold Reserve: एक तरफ सोने की कीमत नए रिकॉर्ड बना रही है तो वहीं दूसरी ओर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सोने की शॉपिंग जारी है. भारत ताबड़तोड़ सोने की खरीदारी कर रहा है. दुनियाभर के देश अपने यहां सोने का भंडार बढ़ा रहा है. भारत का केंद्रीय बैंक भी इससे पीछे नहीं है.

RBI ताबड़तोड़ खरीद रहा है सोना, आखिर भारत क्यों बना रहा गोल्ड का भंडार, क्या किसी संकट के लिए कर रहा खुद को तैयार ?

Gold Reserve: एक तरफ सोने की कीमत नए रिकॉर्ड बना रही है तो वहीं दूसरी ओर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सोने की शॉपिंग जारी है. भारत ताबड़तोड़ सोने की खरीदारी कर रहा है. दुनियाभर के देश अपने यहां सोने का भंडार बढ़ा रहा है. भारत का केंद्रीय बैंक भी इससे पीछे नहीं है. रिजर्व बैंक ने सोने की खरीद ताबड़तोड़ बरकरार रखी है. पिछले साल 2024 में भी आरबीआई ने करीब 73 टन सोना खरीदा है. बता दें कि ये आंकड़ा पड़ोसी देश चीन के मुकाबले दोगुने से भी ज्‍यादा है. अब सवाल ये कि आखिर आरबीआई इतना सोना खरीद क्यों रहा है ? ये सोने का भंडार क्यों इकट्ठा किया जा रहा है ?  

आरबीआई क्यों खरीद रहा है सोना  
   
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नवंबर 2024 में और आठ टन सोना खरीदा है. दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने नवंबर महीने के दौरान 53 टन कीमती धातु की सामूहिक खरीद जारी रखी है. अमेरिकी चुनाव के बाद नवंबर के दौरान सोने की कीमतों में गिरावट ने कुछ केंद्रीय बैंकों को कीमती धातु जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया. आरबीआई ने दूसरे केंद्रीय बैंकों की तरह, सुरक्षित संपत्ति के रूप में सोना खरीद रहा है.  आरबीआई का गोल्ड भंडार 883 टन पर पहुंच गया है, जिसमें से 510 टन सोना देश में मौजूद है.  भारत न केवल सोना खरीद रहा है, बल्कि विदेशों में जमा अपना सोना वापस भी ला रहा है. बीते साल आरबीआई ने  लंदन में बैंक ऑफ इंग्लैंड के वॉल्ट से 102 टन सोना वापस देश मंगवाया. सितंबर 2022 के बाद से, 214 टन सोना देश में लाया जा चुका है.

 

क्यों जरूरी है सोना  

सोना रखने की रणनीति भू-राजनीतिक तनावों से उत्पन्न अनिश्चितता के समय में मुख्य रूप से मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव और विदेशी मुद्रा जोखिमों को कम करने के उद्देश्य से है  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा नई टैरिफ घोषणाओं की वजह से ग्लोबल ट्रेड वॉर की आशंकाएं बढ़ती जा रही है. ट्रेंड वॉर की स्थिति में भारत भी इससे अछूता नहीं रह पाएगा. आर्थिक और भूराजनीतिक उथल-पुथल के दौरान सोना एक सेफ इंवेस्टमेंट के रूप में देखा जाता है.

सिर्फ भारत ही नहीं ग्लोबल लेवल पर, केंद्रीय बैंकों ने 2024 में तेजी से सोना खरीदना जारी रखा. लगातार तीसरे वर्ष 1,000 टन से अधिक सोने की खरीदारी की गई है.  आरबीआई भी सोने करा भंडार बढ़ा रहा है. सोने की खरीद से सेंट्रल बैंक को करेंसी की अस्थिरता को संतुलित करने में मदद मिलती है. वहीं  रिजर्व के रीवैल्यूएशन से खुद को बचाने में मदद मिलती है.  
  
  

TAGS

Trending news