New Income Tax Bill Section 80C: नया बिल लागू होने के बाद उम्मीद के मुताबिक ही टैक्सपेयर्स को कई बदलावों के लिए तैयार रहना होगा. हालांकि, अभी इसे कानून बनने में कुछ समय लगेगा क्योंकि यह विधेयक पहले चयन समिति के पास भेजा गया है.
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New Income Tax Bill: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यानी गुरुवार को लोकसभा में नया इनकम टैक्स बिल 2025 पेश कर दिया गया है. नए बिल में सरकार ने कानूनों के सरलीकरण पर जोर दिया है. नया कानून पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 की जगह लेगा, जो कि मौजूदा समय में पुराना पड़ चुका है और बार-बार संशोधनों के कारण काफी पेचीदा हो गया है.
नया बिल लागू होने के बाद उम्मीद के मुताबिक ही टैक्सपेयर्स को कई बदलावों के लिए तैयार रहना होगा. हालांकि, अभी इसे कानून बनने में कुछ समय लगेगा क्योंकि यह विधेयक पहले चयन समिति के पास भेजा गया है. सरकार ने कहा है कि आयकर विधेयक पर एक चयन समिति गठित की जाएगी, जो अगले सत्र के पहले दिन अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
सेक्शन 80C अब क्लॉज 123 में
इनकम टैक्स के सेक्शन 80C से कोई टैक्सपेयर्स अवगत नहीं हो यह संभव ही नहीं है. इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), जीवन बीमा प्रीमियम, नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) या अन्य टैक्स सेविंग डिपोजिट इसी सेक्शन के तहत आते हैं. इसके तहत 1.5 लाख तक छूट मिलती है.
नए बिल में यह छूट सेक्शन 123 के तहत
नए बिल में ऐसे कटौतियों को सेक्शन 123 के तहत रखा जाएगा. बिल के अनुसार, "कोई भी व्यक्ति या संयुक्त हिंदू परिवार (HUF) उस टैक्स वर्ष में भुगतान या जमा की गई संपूर्ण राशि की कटौती पाने के हकदार होंगे. हालांकि, लेकिन यह राशि अधिकतम 1,50,000 रुपये तक की होगी.
टैक्स कंसल्टेंसी फर्म TaxAaram.com के फाउंडर-डायरेक्टर मयंक मोहांका के मुताबिक, नए इनकम टैक्स बिल में दिया गया सेक्शन 123, मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80C के समान होगा. इसे अनुसूची XV के साथ पढ़ा जाना चाहिए, जिसमें सेक्शन 80C के तहत मिलने वाली टैक्स छूट के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है.
1 अप्रैल 2026 से होगा लागू
नए इनकम टैक्स बिल 2025 में सेक्शन की संख्या घटाकर 819 से 536 कर दी गई है. इसमें अनावश्यक छूटों को समाप्त कर दिया गया है और साथ ही नए बिल में कुल शब्द संख्या 5 लाख से घटाकर 2.5 लाख कर दी गई है. नए इनकम टैक्स बिल में चीजों को आसान बनाने पर फोकस किया गया है. साथ ही 'असेसमेंट ईयर' को 'टैक्स ईयर' से रिप्लेस किया जाएगा. नया टैक्स कानून 01 अप्रैल 2026 से अमल में लाया जाएगा.
लोकसभा में पेश होने के बाद, नए कानून को आगे के विचार-विमर्श के लिए वित्त पर संसदीय स्थायी समिति को भेजा जाएगा. यह बिल मौजूदा टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं करेगा या दी गई टैक्स छूट को कम करेगा. इसके बजाय नए कानून का लक्ष्य छह दशक पुराने कानून को मौजूदा समय के अनुकूल बनाना है.