ऑल टाइम लो हुआ रुपया, बनी साल की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली एशियाई करेंसी, RBI की मीटिंग से क्या है कनेक्शन?
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ऑल टाइम लो हुआ रुपया, बनी साल की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली एशियाई करेंसी, RBI की मीटिंग से क्या है कनेक्शन?

Rupee vs Dollar: घरेलू मुद्रा में यह तेज गिरावट 2024 में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में करीब तीन प्रतिशत की गिरावट के बाद आई है. इससे यह सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली एशियाई मुद्राओं में से एक बन गई है. 

ऑल टाइम लो हुआ रुपया, बनी साल की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली एशियाई करेंसी, RBI की मीटिंग से क्या है कनेक्शन?

Rupee Vs Dollar: अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया गुरुवार को 16 पैसे टूटकर 87.59 प्रति डॉलर के अब तक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ. शुक्रवार को पेश होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती की संभावना बढ़ने से रुपये पर दबाव बढ़ा और घरेलू मुद्रा में गिरावट आई. मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि कमजोर घरेलू बाजारों और आयातकों की डॉलर मांग से भारतीय मुद्रा नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई. 

इसके अलावा, अमेरिकी व्यापार शुल्कों पर जारी अनिश्चितता के बीच वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचने की प्रवृत्ति के कारण भी रुपये पर और दबाव पड़ सकता है.

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 87.54 प्रति डॉलर पर खुला और शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले 87.60 के सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया. अंत में घरेलू मुद्रा, डॉलर के मुकाबले 87.59 प्रति डॉलर के अबतक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुई, जो पिछले बंद भाव से 16 पैसे की गिरावट है. 

सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली एशियाई करेंसी

रुपया बुधवार को 36 पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.43 पर बंद हुआ था. इस साल अब तक स्थानीय मुद्रा में दो प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है. घरेलू मुद्रा में यह तेज गिरावट 2024 में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में करीब तीन प्रतिशत की गिरावट के बाद आई है. इससे यह सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली एशियाई मुद्राओं में से एक बन गई है. 

रुपया एक जनवरी 2024 को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 83.21 पर था. इस साल अब तक रुपया 193 पैसे टूट चुका है. एक जनवरी 2025 को डॉलर के मुकाबले रुपया 85.64 पर था. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि वैश्विक व्यापार युद्ध के कारण रुपया नकारात्मक रुझान के साथ कारोबार कर रहा है, क्योंकि बाजार प्रतिभागी अमेरिका और चीन द्वारा लगाए जा रहे शुल्क दर के प्रभाव पर विचार कर रहे हैं. 

क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट?

मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, "हमें कमजोर घरेलू बाजारों और आयातकों की डॉलर मांग के बीच रुपये के नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करते रहने की आशंका है. अमेरिकी व्यापार शुल्कों पर जारी अनिश्चितता के बीच वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचने की प्रवृत्ति रुपये पर और दबाव डाल सकती है. हालांकि, आरबीआई द्वारा किसी भी हस्तक्षेप से रुपये को निचले स्तर पर समर्थन मिल सकता है."

चौधरी ने कहा कि शुक्रवार को रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति बैठक के फैसले और अमेरिका में गैर-कृषि पेरोल के आंकड़ों से पहले निवेशक सतर्क रह सकते हैं. उन्होंने कहा, "अमेरिकी डॉलर-भारतीय मुद्रा की हाजिर कीमत के 87.30 से 87.90 के बीच रहने की उम्मीद है."

(कॉपी- भाषा)

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