RBI Ban on NICB: न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक 26 से ज्यादा ब्रांच हैं. इनमें लाखों अकाउंट होल्डर्स का पैसा जमा है. ऐसे में लाखों खाताधारकों को आरबीआई के आदेश के बाद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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New India Cooperative Bank: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक (New India Cooperative Bank) पर किसी भी प्रकार के लेनदेन को लेकर छह महीने की पाबंदी लगा दी है. इतना ही नहीं आरबीआई की पाबंदी के बाद बैंक किसी भी प्रकार का बिजनेस नहीं कर सकेगा. यह खबर खाताधारकों के बीच आग की तरह फैल गई. फिर क्या देखते ही देखते बैंक के बाहर अकाउंट होल्डर की भीड़ लग गई. परेशान लोग बैंक स्टॉफ पर आरोप लगा रहे हैं. इनमें से कई तो ऐसे हैं जो एक दिन पहले ही अपनी जमा-पूंजी बैंक अकाउंट में जमा करके गए हैं. लेकिन अब सवाल यह है कि संबंधित बैंक में जिन लोगों का अकाउंट है और जिन्होंने यहां से लोन लिया है, उनका क्या होगा?
लाखों अकाउंट होल्डर्स का पैसा जमा
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक (NICB) की देशभर में 26 ब्रांच हैं. इनमें लाखों अकाउंट होल्डर्स का पैसा जमा है. ऐसे में उन लोगों को आरबीआई के आदेश के बाद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पुणे से लेकर पालघर में बैंकों की ब्रांच के आगे कस्टमर ने लंबी लाइन लगाई हुई है. बैंक की तरफ से कई लोगों को लोन भी दिया गया था. ऐसे में सवाल यही है कि बैंकों से जिनका लोन चल रहा था उसका क्या होगा? क्योंकि अगर लोन की ईएमआई (EMI) समय पर नहीं भरी गई तो कस्टमर के सिबिल स्कोर पर सीधा असर पड़ता है. आइये जानते हैं अगर बैंक डूब जाए तो ऐसे में आपके लोन का क्या होगा?
संपत्ति बेचकर लेनदारों का बकाया चुकाया जाएगा!
जब कोई बैंक डूबने की कगार पर होता है तो उसकी सारी संपत्ति को बेचकर लेनदारों का बकाया चुकाया जाता है. इसके अलावा डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) की तरफ से पांच लाख तक जमा राशि पर भी भुगतान किया जाता है. अगर आपका लोन चल रहा है तो आपका लोन अकाउंट किसी दूसरे बैंक को उस बैंक को ट्रांसफर कर दिया जाएगा. नया बैंक आपके पुराने लोन देने वाले बैंक की तरह ही आपके लोन को मैनेज करेगा. आसान शब्दों में यह कह सकते हैं कि आपका लोन खत्म नहीं होगा. बस उसे किसी और बैंक को ट्रांसफर कर दिया जाएगा. आपको उस नए बैंक को ही अपनी लोन की किस्त चुकानी होंगी.
होम लोन और कार लोन अलग-अलग बैंक को बेच दिया जाए!
ज्यादातर मामलों में बैंक की संपत्ति और लोन अकाउंट को एक ही बार में किसी बैंक को बेच दिया जाता है. हालांकि, ऐसा भी हो सकता है कि इन्हें अलग-अलग बैंकों को बेचा जाए. अगर आपके एक ही बैंक में अलग-अलग तरह के लोन चल रहे हैं, तो यह भी मुमकिन है कि वे अलग-अलग बैंकों के पास जाएं. उदाहरण के लिए, अगर आपका होम लोन और कार लोन दोनों एक ही बैंक में हैं और वह बैंक डूब जाता है. ऐसे में हो सकता है कि होम लोन किसी और बैंक को बेच दिया जाए और कार लोन किसी और बैंक को. इसमें आपको
अपनी किस्त नए बैंक को चुकानी होगी.
आपको मिल जाएगी जानकारी
(फेडरल डिपाजिट इंश्योरेंस कारपोरेशन (FDIC) और नया बैंक दोनों ही आपको लिखित में जानकारी देंगे, जिसमें लेनदेन से जुड़ी पूरी डिटेल होगी. जब सभी कागजात पर साइन हो जाएंगे तो आमतौर पर, पेमेंट शुरू होने से करीब एक महीने पहले आपको आपके नए बैंक से एक और लेटर मिलेगा. इस लेटर में आपके नए खाते की पूरी जानकारी होगी. मसलन इसमें आपकी नई भुगतान की तारीख और आपको अपनी किस्तें कहां भेजनी है.