RBI MPC Meeting: आरबीआई की एमपीसी की मीटिंग में तेजी से बढ़ रहे डिजिटल फ्रॉड के मामलों पर चर्चा की गई. एमपीसी के बाद केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने बताया कि बैंकों और एनबीएफसी के लिए स्पेशल इंटरनेट डोमेन होंगे. यह बदलाव आने वाली 1 अप्रैल से होने की संभावना है.
Trending Photos
Bank New Domain Name: डिजिटल पेमेंट में बढ़ते फ्रॉड को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बड़ा कदम उठाया है. इस तरह के मामलों से निपटने के लिए आरबीआई ने बैंकों और एनबीएफसी (NBFC) के लिए स्पेशल इंटरनेट डोमेन...बैंक डॉट इन (bank.in) और फिन डॉट इन (fin.in) शुरू किये जाने का ऐलान किया है. आरबीआई गवर्नर संजय मनल्होत्रा ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा (MPC) की जानकारी देते हुए कहा कि डिजिटल पेमेंट में फ्रॉड के बढ़ते मामले चिंता का विषय है. इससे निपटने के लिए रिजर्व बैंक इस साल अप्रैल से भारतीय बैंकों के लिए विशेष इंटरनेट डोमेन ‘बैंक डॉट इन’ शुरू कर रहा है.
डिजिटल बैंकिंग और पेमेंट सर्विस में लोगों का विश्वास बढ़ेगा
इसके अलावा आने वाले समय में गैर-बैंकिंग वित्तीय इकाइयों (NBFC) के लिए ‘फिन डॉट इन’ (fin.in) शुरू किया जाएगा. इस पहल का मकसद साइबर सिक्योरिटी खतरों और ‘फिशिंग’ जैसी गलत कामों को करने के साथ सुरक्षित वित्तीय सेवाओं को सुव्यवस्थित बनाना है ताकि डिजिटल बैंकिंग और पेमेंट सर्विस में लोगों का विश्वास बढ़े. मल्होत्रा ने कहा कि इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड रिसर्च इन बैंकिंग टेक्नोलॉजी (IDRBT) विशेष रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करेगा. वास्तविक पंजीकरण अप्रैल 2025 से शुरू होंगे. बैंकों के लिए डिटेल्ड दिशा-निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे.
एक्सट्रा लेयर शुरू करने का भी फैसला
उन्होंने कहा कि गैर-बैंकिंग इकाइयों (NBFC) के लिए अलग से ‘फिन डॉट इन’ शुरू किया जाएगा. केंद्रीय बैंक ने इसके साथ सीमा पार बिना कार्ड प्रस्तुत किये (कार्ड नॉट प्रेजेंट) लेनदेन में सुरक्षा की एक अतिरिक्त लेयर शुरू करने का भी फैसला किया है. डिजिटल पेमेंट के लिये अतिरिक्त प्रमाणीकरण कारक (AFA) की शुरुआत ने लेनदेन की सेफ्टी को बढ़ाया है, जिससे ग्राहकों को डिजिटल पेमेंट अपनाने का भरोसा मिला है.
हालांकि, यह जरूरत केवल घरेलू लेनदेन के लिए है. आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘भारत में जारी किए गए कार्ड का यूज कर ऑनलाइन इंटरनेशनल लेनदेन पर समान स्तर की सुरक्षा प्रदान करने के लिए बिना कार्ड प्रस्तुत किये अंतरराष्ट्रीय (ऑनलाइन) लेनदेन के लिए भी एएफए को सक्षम करने का प्रस्ताव है.’ यह उन मामलों में सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत प्रदान करेगा, जहां विदेशी व्यापारी एएफए के लिए सक्षम है. विभिन्न पक्षों से प्रतिक्रिया के लिए ड्रॉफ्ट सर्कुलर जल्द जारी किया जाएगा. (इनपुट भाषा)