NCLT Approval: नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की मुंबई बेंच ने कारोबारी मनोज कुमार उपाध्याय और उनकी सहयोगी कंपनी एसीएमई क्लीनटेक सॉल्यूशंस की अधिग्रहण से जुड़ी एप्लीकेशन को मंजूरी दे दी.
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Reliance Big Resolution Plan: कर्ज में दबी अनिल अंबानी की एक और कंपनी रिलायंस बिग प्राइवेट लिमिटेड (RBPL) को जल्द नया मालिक मिलने की उम्मीद है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई बेंच ने कारोबारी मनोज कुमार उपाध्याय और उनकी सहयोगी कंपनी एसीएमई क्लीनटेक सॉल्यूशंस की अधिग्रहण की याचिका को मंजूरी दे दी है. मनोज कुमार उपाध्याय की तरफ से अधिग्रहण दिवालियापन समाधान प्रक्रिया के माध्यम से पूरा किया जाएगा.
क्या काम करती थी अनिल अंबानी की कंपनी
8 दिसंबर, 2006 को बनी आरबीपीएल, तमिलनाडु के तेनकासी में एक विंड एनर्जी जनरेटर की मालिक है. कंपनी की राज्य के तिरुवल्लूर और तिरुनेलवेली जिले में जमीन भी है. आरबीपीएल (RBPL) तमिलनाडु बिजली बोर्ड को बिजली सप्लाई करती थी. रिलायंस बिग, रिलायंस इंफ्रा से भी जुड़ी है. कंपनी की तरफ से कमोडिटी ट्रेडिंग का भी काम किया जाता था.
4 करोड़ रुपये का नकद भुगतान किया जाएगा
आरबीपीएल रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी हुई है और कमोडिटी ट्रेडिंग में भी शामिल है. सफल रीवाइवेल प्लान कुल 3.51 करोड़ रुपये का है, जो आरबीपीएल (RBPL) के सुरक्षित वित्तीय लेनदारों को दिया जाएगा. इसके अलावा, रिज्यूलूशन प्लान के अनुसार, सफल बोलीदाता की तरफ से कंपनी में 4 करोड़ रुपये का नकद भुगतान किया जाएगा.
कंपनी पर 1,000 करोड़ रुपये का कर्ज
आपको बता दें आरबीपीएल (RBPL) पर करीब 1,000 करोड़ रुपये की देनदारी है. आरबीपीएल के सुरक्षित लेनदार एक्सिस ट्रस्टी सर्विस के पास 48.42% का वोटिंग राइट्स है. कंपनी का 483 करोड़ रुपये बकाया है. अनसिक्योर क्रेडिटर्स में जेसी फ्लॉवर्स एआरसी के पास 51.58% वोटिंग राइट है. 515 करोड़ रुपये के स्वीकृत दावे हैं.