Padma Awards 2025: जापान के ओसामु सुजुकी को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है. इन्हें 'भारत के लोगों को अपनी कार देने' का श्रेय दिया जाता है.
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Who Is Osamu Suzuki: केंद्र की मोदी सरकार ने साल 2025 के लिए पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी है. गृह मंत्रालय के अनुसार, इस साल 7 हस्तियों को पद्म विभूषण, 19 को पद्म भूषण और 113 को पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा. ये पुरस्कार मार्च-अप्रैल में राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक औपचारिक समारोह में दिए जाएंगे.
पद्म विभूषण पुरस्कारों की लिस्ट में एक जापानी शख्स का नाम भी शामिल है. जापान के ओसामु सुजुकी को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है. आइए जानते हैं कौन हैं कौन हैं ओसामु सुजुकी जिन्हें 'भारत के लोगों को अपनी कार देने' का श्रेय दिया जाता है.
कौन थे ओसामु सुजुकी?
भारत में आम लोगों के लिए चार पहिया का सपना साकार करने के लिए अगर किसी शख्स का नाम लिया जाए तो वह ओसामु सुजुकी होंगे. 1930 में जापान में जन्मे ओसामु सुजुकी ने भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को न केवल खड़ा किया, बल्कि इसका विस्तार भी किया. दिसंबर 2024 में सुजुकी का 94 वर्ष की उम्र में निधन हो गया.
ओसामु सुजुकी को भारत के लोगों को अपनी कार देने का श्रेय दिया जाता है. भारत में मारुति 800 की सफल सफर में उनका योगदान ऐसा है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता.
साल 1983 में जब मारुति 800 लॉन्च हुई, तो यह सिर्फ एक कार नहीं थी. बल्कि, यह हर भारतीय परिवार के लिए एक सपना थी. उस समय भारत में कारों का बाजार बहुत छोटा था – केवल 40,000 कारें सालाना बिकती थीं और प्रति 14,000 व्यक्तियों में से केवल एक के पास कार होती थी. लेकिन ओसामु सुजुकी ने इस सिकुड़े बाजार में भी एक बड़ा अवसर देखा.
मारुति के साथ पार्टनरशिप से भारत में विस्तार
सरकारी कंपनी मारुति (जो 1971 में संजय गांधी के प्रयासों से बनी थी) के लिए पार्टनर खोजने की कोशिश के दौरान पहली बार में सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन का नाम लगभग छूट ही गया था. लेकिन जब यह रिपोर्ट सामने आई कि Daihatsu मारुति के साथ साझेदारी में रुचि रखता है तो सुजुकी के अधिकारियों ने उनसे संपर्क किया.
Daihatsu ने न केवल भारतीय अधिकारियों को जापान बुलाया, बल्कि इस प्रोजेक्ट पर अपनी कंपनी की साल भर की कमाई दांव पर लगाने का भी फैसला किया.
पहले ग्राहक को इंदिरा गांधी ने सौंपी थी चाबी
1982 में भारत सरकार और सुजुकी के बीच डील हुई. इसके बाद रिकॉर्ड समय में दिसंबर 1983 में, मारुति 800 भारत की सड़कों पर दौड़ने के लिए तैयार थी. यह कार Affordability, ईंधन दक्षता, और टिकाऊपन का मोटो बन गई. खुद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पहले ग्राहक हरपाल सिंह को मारुति 800 की चाबी सौंपी थी.
भारतीय कार उद्योग के आधुनिकीकरण और औद्योगिकीकरण में ओसामु सुजुकी के योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने 2007 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया था.