तीन सप्ताह की तेजी के बाद फिर गिरा देश का विदेशी मुद्रा भंडार, भारत के विदेशी खजाने में अब कितना Forex Reserves?
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तीन सप्ताह की तेजी के बाद फिर गिरा देश का विदेशी मुद्रा भंडार, भारत के विदेशी खजाने में अब कितना Forex Reserves?

 पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में 7.65 अरब डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. लेकिन 14 फरवरी को समाप्त सप्ताह में देश के विदेशी खजाना में गिरावट आई है.

तीन सप्ताह की तेजी के बाद फिर गिरा देश का विदेशी मुद्रा भंडार, भारत के विदेशी खजाने में अब कितना Forex Reserves?

Indias Forex Reserves: देश के विदेशी मुद्रा भंडार में तीन सप्ताह से जारी बढ़त का सिलसिला शुक्रवार को थम गया. 14 फरवरी को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी खजाना 2.54 अरब डॉलर घटकर 635.72 अरब डॉलर रह गया है. 

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, यह गिरावट रुपये की स्थिरता बनाए रखने के लिए विदेशी मुद्रा बाजार में केंद्रीय बैंक के हस्तक्षेप और वैश्विक आर्थिक कारकों के प्रभाव का परिणाम है. इससे पहले, पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में 7.65 अरब डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी.

RBI ने क्या बताई वजह?

RBI के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट की मुख्य वजह विदेशी मुद्रा आस्तियों में आई कमी रही, जो 4.51 अरब डॉलर घटकर 539.59 अरब डॉलर पर पहुंच गई. विदेशी मुद्रा आस्तियों में डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन जैसी अन्य मुद्राओं का मूल्यांकन भी शामिल होता है, जिसकी वजह से यह उतार-चढ़ाव देखा गया.

हालांकि, इसी दौरान स्वर्ण भंडार का मूल्य 1.94 अरब डॉलर बढ़कर 74.15 अरब डॉलर हो गया, जिससे आंशिक रूप से नुकसान की भरपाई हुई.

इसके अलावा, विशेष आहरण अधिकार (SDR) 1.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 17.89 अरब डॉलर तक पहुंच गया. साथ ही, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारत के आरक्षित भंडार में भी 1.4 करोड़ डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे यह 4.08 अरब डॉलर हो गया. विदेशी मुद्रा भंडार में यह उतार-चढ़ाव वैश्विक बाजार में बदलते रुझानों, विदेशी निवेश प्रवाह और आरबीआई की नीतियों से प्रभावित होता है.

बैंक लोन, जमा वृद्धि में तीसरी तिमाही में गिरावट

बैंक लोन और बैंक जमा में अक्टूबर-दिसंबर के दौरान तिमाही आधार पर गिरावट आई है. शुक्रवार को जारी भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों से यह जानकारी मिली. सालाना बैंक ऋण वृद्धि सितंबर 2024 तिमाही में 12.6 प्रतिशत से घटकर दिसंबर 2024 तिमाही में 11.8 प्रतिशत हो गई. इसी तरह जमा वृद्धि 11.7 प्रतिशत के मुकाबले घटकर 11 प्रतिशत रही.

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