Vande Bharat Trains: इंडियन रेलवे अब एक नई क्रांति लाने वाला है. एनर्जी से भरपूर वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण और स्वदेशी सुरक्षा तकनीक 'कवच' को लागू करने के साथ ही रेलवे का सफर और भी सेफ और एडवांस हो गया है.
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Vande Bharat Trains: इंडियन रेलवे अब एक नई क्रांति लाने वाला है. एनर्जी से भरपूर वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण और स्वदेशी सुरक्षा तकनीक 'कवच' को लागू करने के साथ ही रेलवे का सफर और भी सेफ और एडवांस हो गया है. वित्त मंत्रालय ने हाल ही में इन महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स को प्रधानमंत्री गति शक्ति और आत्मनिर्भर भारत के विजन का हिस्सा बताया. मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया कि 68 वंदे भारत ट्रेनें पहले से फर्राटा भर रही हैं. अब इंडियन रेलवे ऊर्जा-कुशल वंदे भारत ट्रेनों के स्वदेशी निर्माण के लिए टेक्नोलॉजी पार्टनर्स का सेलेक्शन कर रही है.
400 नई वंदे भारत ट्रेनें
इंडियन रेलवे अगले तीन सालों में 400 नई जनरेशन की वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण और विकास करेगी. ये ट्रेनें न केवल ऊर्जा की दृष्टि से कुशल होंगी बल्कि यात्रियों को अधिक आरामदायक अनुभव भी प्रदान करेंगी. वर्तमान में 68 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें 15 जोनों में चल रही हैं. जो 136 ट्रेनों के रूप में सेवा दे रही हैं.
With 68 operational Vande Bharat trains already running, Indian Railways is in process of selecting technology partners to indigenously manufacture Energy Efficient Vande Bharat trains in India.#BudgetForViksitBharat pic.twitter.com/eEI2DeqX8U
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) January 22, 2025
'कवच' तकनीक.. सुरक्षा में नया आयाम
रेलवे सुरक्षा को नई ऊंचाई पर ले जाते हुए स्वदेशी रूप से विकसित 'कवच' तकनीक को लागू किया जा रहा है. यह अत्याधुनिक प्रणाली टक्कर रोकने और ट्रेनों के संचालन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए डिजाइन की गई है. 1,548 रूट किलोमीटर पर कवच तकनीक को लागू किया जा चुका है.
दक्षिण मध्य रेलवे- लिंगमपल्ली-विकाराबाद-वाडी और विकाराबाद-बिदर सेक्शन (265 Rkm), मनमाड़-मुदखेड़-धोने-गुंटकल सेक्शन (959 Rkm), बिदर-परभणी सेक्शन (241 Rkm).
उत्तर मध्य रेलवे- मथुरा-पलवल सेक्शन (83 Rkm).
Kavach is indigenously developed world-class technology that enhances safety and capacity augmentation of Indian Railways.#BudgetForViksitBharat pic.twitter.com/WwmeyQVLTg
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) January 22, 2025
भविष्य की योजनाएं
रेलवे के हाई-प्रायोरिटी रूट्स जैसे दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा पर 3,000 किलोमीटर के लिए कवच लागू करने का काम जारी है. लगभग 15,000 किलोमीटर ट्रैक पर कवच तैनाती के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं. इसके अलावा, 10,000 लोकोमोटिव में इस तकनीक को लगाने की योजना फाइनल की गई है.
आत्मनिर्भर भारत और आधुनिक रेलवे का सपना
इन परियोजनाओं का उद्देश्य न केवल रेलवे को आधुनिक बनाना है बल्कि भारत को एक आत्मनिर्भर और विकसित देश के रूप में स्थापित करना भी है. यह बदलाव भारतीय रेलवे को न केवल ऊर्जा-कुशल बनाएगा. बल्कि इसे यात्रियों के लिए अधिक सुरक्षित और विश्वस्तरीय अनुभव भी प्रदान करेगा.