GST on cigarettes: सरकार का कहना है कि यह कदम स्वास्थ्य कारणों से भी जरूरी है, क्योंकि इससे तंबाकू सेवन में कमी आ सकती है.
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GST: भारत में तंबाकू उत्पादों का सेवन करना करना और महंगा हो सकता है. केंद्र सरकार 2026 के बाद तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी बढ़ाने की संभावनाओं पर विचार कर रही है. भारत में तंबाकू और सिगरेट पर पहले से ही भारी टैक्स लगाया जाता है, लेकिन अब सरकार इसे और बढ़ाने की योजना बना रही है.
मौजूदा समय में इन उत्पादों पर 28% जीएसटी के अलावा कई अन्य उपकर (सेस) भी लगाए जाते हैं. इस तरह कुल कुल 53% तक टैक्स लगाया जाता है. हालांकि, अभी भी यह टैक्स विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा सुझाए गए 75% टैक्स से काफी कम है.
भारत में तंबाकू उत्पादों पर टैक्स लगाकर हुई कमाई सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण राजस्व स्रोत हैं. वित्तीय वर्ष 2022-23 में इससे सरकार के खजाने 72,788 करोड़ रुपये का टैक्स आया था.
मार्च 2026 से हो सकता है लागू
ET की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार 31 मार्च 2026 के बाद मुआवजा सेस (Compensation Cess) हटाने की योजना बना रही है. ऐसे में यह सुनिश्चित करने के लिए कि राजस्व पर कोई असर न पड़े, जीएसटी को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. ऐसे में तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी दर को बढ़ाकर 40% करने पर विचार किया जा रहा है. इसके अलावा, अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (Excise Duty) लगाने की संभावना भी तलाशी जा रही है.
एक अन्य विकल्प 'हेल्थ सेस' (Health Cess) लगाने का है, जो कंपंशेसन सेस की जगह ले सकता है. हालांकि, कुछ राज्य इस प्रस्ताव से सहमत नहीं हैं. जीएसटी काउंसिल की एक मंत्री समूह (GoM) इस पूरे मामले की समीक्षा कर रहा है. यह पैनल 2026 के बाद तंबाकू उत्पादों पर लागू कर व्यवस्था के लिए सुझाव देगा. अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल द्वारा लिया जाएगा.
उपभोक्ताओं और उद्योग पर असर
अगर जीएसटी दर बढ़ती है, तो तंबाकू उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं. इससे उपभोक्ताओं की मांग पर असर पड़ सकता है. हालांकि, सरकार का कहना है कि यह कदम स्वास्थ्य कारणों से भी जरूरी है, क्योंकि इससे तंबाकू सेवन में कमी आ सकती है. तंबाकू उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने की योजना सरकार के राजस्व को बनाए रखने के साथ-साथ स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बनाई जा रही है.