बजट में टैक्‍स में कटौती के जिस ऐलान से मच गया हो-हल्ला, वो भी नहीं बदल पाया मूडीज का मूड
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बजट में टैक्‍स में कटौती के जिस ऐलान से मच गया हो-हल्ला, वो भी नहीं बदल पाया मूडीज का मूड

बजट में इनकम टैक्स के ऐलान के साथ ही खूब हो हल्ला मचा है, आम आदमी खुश है तो जानकार इस कदम की सराहना कर रहे हैं. हर तरफ टैक्स कटौती की चर्चा हो रही है.

 बजट में टैक्‍स में कटौती के जिस ऐलान से मच गया हो-हल्ला, वो भी नहीं बदल पाया मूडीज का मूड

Budget 2025: बजट में इनकम टैक्स के ऐलान के साथ ही खूब हो हल्ला मचा है, आम आदमी खुश है तो जानकार इस कदम की सराहना कर रहे हैं. हर तरफ टैक्स कटौती की चर्चा हो रही है. लेकिन ये ऐलान भी रेटिंग एजेंसी का मबड नहीं बदल पाई है.  मूडीज रेटिंग्स ने शनिवार को बजट 2025 पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि मिडिल क्लास के टैक्स में कमी से विकास दर पर ज्‍यादा असर नहीं पड़ेगा.  

भारत की साख में फिलहाल कोई बदलाव नहीं

रेटिंग एजेंसी मूडीज रेटिंग्स ने भारत की साख में तत्काल किसी तरह के बदलाव से इनकार किया है. हालांकि, सरकार अपने वित्त का विवेकपूर्ण प्रबंधन करने का प्रयास कर रही है और बजट में अगले वित्त वर्ष (2025-26) में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.4 प्रतिशत तक कम करने का प्रस्ताव किया गया है. मूडीज रेटिंग्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष क्रिश्चियन डी गुजमैन ने  कहा,  हालांकि, हम सरकार के सतत राजकोषीय अनुशासन और कम होते राजकोषीय घाटे को रेटिंग या साख के लिए सकारात्मक मानते हैं, लेकिन हमें नहीं लगता कि ये सुधार इस समय साख को बदलने के लिए पर्याप्त हैं.

क्या है रेटिंग 

मूडीज ने वर्तमान में भारत की साख को स्थिर दृष्टिकोण के साथ ‘बीएए3’ पर बनाए रखा है, जो कि सबसे कम निवेश-ग्रेड रेटिंग है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.8 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष (2025-26) के लिए 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. जहां भारत राजकोषीय अनुशासन और मुद्रास्फीति नियंत्रण की दिशा में आगे बढ़ रहा है, वहीं मूडीज का मानना ​​है कि रेटिंग सुधार के लिए, ऋण बोझ में पर्याप्त कमी और अधिक महत्वपूर्ण राजस्व-उत्पादक उपाय आवश्यक हैं.भाषा 

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