Gold Silver Price Today: एक जनवरी से अबतक सोने में 5,510 रुपये या सात प्रतिशत की तेजी आ चुकी है. उस दिन स्थानीय बाजार में सोने की कीमत 79,390 रुपये प्रति 10 ग्राम थी.
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Gold Silver Price: राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में शनिवार को सोने की कीमत 84,900 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर बरकरार रही. अखिल भारतीय सर्राफा संघ के मुताबिक, शुक्रवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाली इस बहुमूल्य धातु की कीमत में लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में तेजी आई थी. घरेलू मांग में तेजी के कारण यह 1,100 रुपये उछलकर 84,900 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए शिखर पर पहुंच गई.
एक जनवरी से अबतक सोने में 5,510 रुपये या सात प्रतिशत की तेजी आ चुकी है. उस दिन स्थानीय बाजार में सोने की कीमत 79,390 रुपये प्रति 10 ग्राम थी. 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोना भी 84,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के अपने सर्वोच्च स्तर पर स्थिर बना रहा.
हालांकि, औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं के सतत उठाव के कारण लगातार चौथे दिन की तेजी के बाद आज चांदी 700 रुपये मजबूत होकर 95,700 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई.
चांदी में भी जारी है तेजी
शुक्रवार को चांदी 95,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी. पिछले चार सत्रों में चांदी 2,700 रुपये बढ़कर 95,700 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है, जो 29 जनवरी को 93,000 रुपये प्रति किलोग्राम थी.
शुक्रवार को कॉमेक्स सोना वायदा 2,862.90 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया. बाद में, इसने अपने लाभ को गंवा दिया और 2,835 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ.
इस बीच, कीमती धातु का केंद्रीय बजट 2025-26 में कोई उल्लेख नहीं किया गया, जिससे व्यापारियों को कीमतों और निवेशक भावना पर इसके संभावित प्रभाव का आकलन करना पड़ा. किसी भी घोषणा की अनुपस्थिति ने संकेत दिया कि कीमतें घरेलू मांग और वैश्विक कारकों से प्रेरित होंगी.
क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट?
मालाबार समूह के चेयरमैन एम पी अहमद ने कहा, "बजट में सरकार द्वारा खपत को पुनर्जीवित करने, घरेलू विनिर्माण को मजबूत करने और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने पर निरंतर ध्यान केंद्रित किया गया है.’’
अहमद ने कहा, "व्यक्तिगत आयकर में कटौती से से शहरी खपत को बढ़ावा देने के लिए खर्च योग्य आय बढ़ेगी. यह मध्यम आय वर्ग की खर्च करने की शक्ति को बढ़ावा देगा और उपभोक्ता भावना को बढ़ाएगा. उन्होंने कहा कि खुदरा और आभूषण क्षेत्र के लिए, खपत में वृद्धि सीधे मजबूत मांग में तब्दील होती है, जिससे विस्तार और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलता है.