GDP Growth: सरकार पहले ही इनकम टैक्स छूट को बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर चुकी है. इसके अलावा रेपो रेट में कटौती करने से देश को आर्थिक मोर्चे पर फायदा होगा. एक्सपर्ट ने बताया कि इससे आने वाले समय में इकोनॉमी को रफ्तार मिलेगी.
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RBI Repo Rate: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती करने से बैंक लोन पर ब्याज दर कम करेंगे. इससे लोगों के हाथ में पहले के मुकाबले ज्यादा पैसा बचेगा और उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी. ऐसा एक्सपर्ट्स का मानना है. मार्केट एक्सपर्ट्स सुनिल शाह ने कहा कि आबीआई का यह कदम स्वागत योग्य है. आरबीआई की तरफ से रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत कम करके 6.25 प्रतिशत कर दिया गया है. इससे फाइनेंस की लागत कम होगी और लोग ज्यादा खर्च कर पाएंगे.
खपत बढ़ेगी और इकोनॉमी को फायदा होगा
सरकार पहले ही इनकम टैक्स छूट को 12 लाख रुपये तक कर चुकी है. मैं इन दोनों ही कदमों को साथ मिलाकर देखता हूं. इससे देश में खपत बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को फायदा होगा. उन्होंने आगे बताया कि जैसे-जैसे महंगाई कम होगी. आरबीआई (RBI) से इस तरह के और एक्शन देखने को मिल सकते हैं और आने वाली दो या तीन तिमाही में हमें इस एक्शन का असर खपत में बढ़त के रूप में देखने को मिलेगा.
इनकम टैक्स पर 12 लाख रुपये तक की छूट
कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के सेक्रेटरी जनरल, प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि आरबीआई (RBI) की तरफ से ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कमी करना अच्छा फैसला है. इससे बैंक से अब लोगों को सस्ती दरों पर लोन मिलेगा और लोगों की खर्च करने की क्षमता में इजाफा होगा. अगर बजट में इनकम टैक्स में मिली 12 लाख रुपये तक की छूट को मिलाकर देखा जाए तो आने वाले समय में बाजार में काफी पैसा आने वाला है.
6.50 प्रतिशत से घटाकर 6.25 प्रतिशत हुई रेपा रेट
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया गया है, जो कि पहले 6.50 प्रतिशत थी. इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन समेत सभी प्रकार के लोन पर ब्याज दर कम होगी. केंद्रीय बैंक द्वारा करीब पांच साल बाद ब्याज दरों को घटाया गया है. इससे पहले आरबीआई ने मई 2020 में रेपो रेट को घटाकर 4 प्रतिशत किया था.
अशर ग्रुप के वीपी और फाइनेंस हेड का मानना है कि आरबीआई की तरफ से रेपो रेट कम करने के कदम से रियल एस्टेट सेक्टर पर पॉजिटिव असर पड़ने की उम्मीद है. खासकर पहली बार घर खरीदने वालों को इससे फायदा होगा. कम होम लोन ब्याज दर के अलावा घर खरीदने वालों को आवास ज्यादा किफायती लगेगा. खासकर मिड और प्रीमियम सेगमेंट में यह फायदा मिलेगा. यह कम वित्तीय बोझ संपत्ति की मांग को बढ़ावा देगा और बाजार में ज्यादा खरीद को प्रोत्साहित करेगा. (IANS)