Top State in EV Charging Stations: भारत में बढ़ते पेट्रोल-डीजल की कीमतों ने लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ जाने के लिए मजबूर कर दिया है. ऐसे में अब इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग पोर्ट भी जरूरी है. इसको ध्यान में रखते हुए तमाम राज्य सरकार अपने राज्य में EV चार्जिंग स्टेशन बनाने की होड़ में लगी है.
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Top State in EV Charging Stations: देश में चार्जिंग स्टेशन बनाने में आईटी हब से अपनी पहचान बना चुका कर्नाटक चार्जिंग स्टेशन में भी टॉप पर रहा. कर्नाटक यूपी से तीन गुना और राजस्थान से पांच गुना ज्यादा चार्जिंग स्टेशन बनाने में कामयाब हुआ है. इस लिस्ट में सातवें नंबर पर राजस्थान और आठवें नंबर पर गुजरात रहा. देश में बढ़ते पेट्रोल-डीजल की कीमतों ने लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ जाने के लिए मजबूर कर दिया है. इसलिए तमाम राज्य भी अपने राज्यों में ज्यादा से ज्यादा चार्जिंग स्टेशन लगाने की कोशिश कर रहे हैं.
राजधानी दिल्ली कौन से नंबर पर है.
आने वाले वक्त में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन्स की संख्या में काफी इजाफा होने वाला है. इसको देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर इस काम में मेहनत कर रही है. राजधानी दिल्ली की बात करें तो चार्जिंग स्टेशन लगाने के मामले में ये टॉप 4 राज्यों में शामिल हो गया है. इसके साथ-साथ यूपी भी इस लिस्ट में शामिल है. इस लिस्ट में कर्नाटक पहले नंबर पर है, वहीं महाराष्ट्र दूसरे, यूपी तीसरे और राजधानी दिल्ली चौथे नंबर पर है.
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) चार्जिंग स्टेशनों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे EV उपयोगकर्ताओं के लिए सुविधाएं बढ़ रही हैं. हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक राज्य ने 5,765 चार्जिंग स्टेशनों के साथ पहला स्थान हासिल किया है. आइए जानते हैं किन राज्यों में कितने चार्जिंग स्टेशन लगाए गए.
1. कर्नाटक: 5,765 चार्जिंग स्टेशन
2. महाराष्ट्र: 3,728 चार्जिंग स्टेशन
3. उत्तर प्रदेश: 1,989 चार्जिंग स्टेशन
4. दिल्ली: 1,886 चार्जिंग स्टेशन
5. केरल: 852 चार्जिंग स्टेशन
6. तमिलनाडु: 643 चार्जिंग स्टेशन
7. राजस्थान: 500 चार्जिंग स्टेशन
8. तेलंगाना: 481 चार्जिंग स्टेशन
9. गुजरात: 476 चार्जिंग स्टेशन
10. मध्य प्रदेश: 341 चार्जिंग स्टेशन
इन आंकड़ों से साफ है कि कर्नाटक राज्य ने EV चार्जिंग स्टेशनों को लगाने में अपनी अग्रणी भूमिका निभाई है, जबकि महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश ने भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. यह आंकड़े इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने और पर्यावरणीय लाभों को प्राप्त करने के लिए जरूरी कदम है.