Maruti Grand Vitara: इस एसयूवी का माइलेज किसी भी कार खरीदने वाले ग्राहकों को हैरान कर सकता है, और इतने जोरदार माइलेज के पीछे एक जोरदार तकनीक का हाथ है.
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Maruti Grand Vitara Mileage: भारत में मारुति तकरीबन हर सेगमेंट की गाड़ियां बनाती है. तकरीबन सभी गाड़ियों में दो चीजें कॉमन रहती हैं जिनमें से एक है रिफाइंड इंजन और दूसरा जोरदार माइलेज. यही वजह है कि ग्राहक आंख बंद करके कंपनी की गाड़ियां खरीदते हैं. एसयूवी सेगमेंट भी पिछले कुछ सालों में काफी पॉपुलर हो गया है. ऐसे में आज हम आपके लिए इस सेगमेंट की एक ऐसी गाड़ी लेकर आए हैं जो जबरदस्त माइलेज देती है. ये गाड़ी है मारुति की ग्रैंड विटारा जिसका माइलेज पेट्रोल पर तकरीबन 28 किलोमीटर प्रति लीटर होता है. ये माइलेज किसी भी कार ओनर के लिए किसी बड़ी खुशखबरी से कम नहीं है.
कौन सा इंजन होता है इस्तेमाल
ग्रैंड विटारा में ग्राहकों को 1.5L 4-सिलेंडर माइल्ड-हाइब्रिड पेट्रोल इंजन मिल जाता है. आपको बता दें कि अपने हाइब्रिड पावरट्रेन की वजह से ही ये धाकड़ एसयूवी जोरदार माइलेज दे पाती है जो तकरीबन 28 kmpl का है.
Maruti Grand Vitara: कीमत और वेरिएंट
मारुति की कॉम्पैक्ट एसयूवी की कीमत 11.19 लाख रुपये से शुरू हो जाती है. यह कुल छह ट्रिम्स: सिग्मा, डेल्टा, ज़ेटा, ज़ेटा+, अल्फा और अल्फा+ में उपलब्ध है. इसके प्लस ट्रिम्स स्ट्रांग-हाइब्रिड पावरट्रेन विकल्प के साथ उपलब्ध हैं. डेल्टा और जेटा ट्रिम्स के मैनुअल वेरिएंट अब फैक्ट्री-फिटेड सीएनजी विकल्प के साथ उपलब्ध हैं.
Maruti Grand Vitara: फीचर्स
यह 9 इंच के टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, डिजिटल ड्राइवर डिस्प्ले, पैनोरमिक सनरूफ, एम्बिएंट लाइटिंग, एक वायरलेस फोन चार्जर, वेंटिलेटेड फ्रंट सीट और एक हेड-अप डिस्प्ले के साथ आते हैं. इसमें 6 एयरबैग, एक इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम (ESP), EBD के साथ ABS और एक टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (TPMS) मिलता है. इसके अलावा, इसमें 360-डिग्री कैमरा, हिल-डिसेंट कंट्रोल और ISOFIX चाइल्ड-सीट एंकर भी मिलते हैं.
कैसे ज्यादा माइलेज देती हैं हाइब्रिड कारें
हाइब्रिड कार एक से ज्यादा एनर्जी के सहारे ऑपरेट होती हैं. यह पेट्रोल या डीजल इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर का कॉम्बिनेशन होती हैं और ये दोनों ही सिस्टम व्हीकल को चलाने के लिए एक साथ काम करते हैं और बीच-बीच में कारें सिर्फ इलेक्ट्रिक मोटर पर भी चल पाती हैं. इससे फ्यूल कम जलता है और फ्यूल एफिशिएंसी बेहतर होती है. Hybrid Technology की बात करें तो इस तकनीक में (प्लग-इन हाइब्रिड को छोड़ दें) इंटर्नल सिस्टम से ही बैटरी (इलेक्ट्रिक मोटर को चलाने वाली) चार्ज होती है. इसलिए, बैटरी को अलग से चार्जिंग की जरूरत नहीं होती है. वैसे तो कई प्रकार की हाइब्रिड तकनीक उपलब्ध हैं लेकिन भारत में अभी माइल्ड हाइब्रिड और स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड तकनीक ज्यादा पापुलर है.