Pakistan: भाई बना कसाई... पड़ोसियों ने कान भरे तो सगी बहन का कत्ल कर दिया, TikTok वीडियो बना मौत की वजह
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Pakistan: भाई बना कसाई... पड़ोसियों ने कान भरे तो सगी बहन का कत्ल कर दिया, TikTok वीडियो बना मौत की वजह

Honor Killing: अपराधों को रोकने के लिए कानून होने के बावजूद सामाजिक सोच और पारिवारिक दबाव के कारण ऑनर किलिंग जारी है. ह्यूमन राइट्स कमीशन ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक पिछले साल जनवरी से नवंबर तक 346 लोग ऑनर किलिंग का शिकार हुए. इनमें सबसे ज्यादा मामले सिंध और पंजाब में दर्ज किए गए. 

Pakistan: भाई बना कसाई... पड़ोसियों ने कान भरे तो सगी बहन का कत्ल कर दिया, TikTok वीडियो बना मौत की वजह

TikTok video murder: परिवार और समाज की इज्जत बचाने के नाम पर एक और बेटी की जान ले ली गई. ऑनर किलिंग की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. ताजा मामला पाकिस्तान के झेलम जिले का है जहां महज एक टिकटॉक वीडियो बनाने पर दो भाइयों ने अपनी 20 साल की बहन की गोली मारकर हत्या कर दी. पड़ोसियों की आपत्ति के बाद परिवार में विवाद बढ़ा और गुस्से में आकर भाइयों ने इस घिनौने अपराध को अंजाम दिया. ऑनर किलिंग घटनाएं वैसे तो पाकिस्तान में आम  हैं लेकिन इस मामले में माहौल और भी ज्यादा खराब कर दिया है.

 लड़की के वीडियो बनाने पर ऐतराज

दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह पूरा मामला झेलम के धोकेरियन इलाके का है. यहां पड़ोसियों ने लड़की के वीडियो बनाने पर ऐतराज जताया. इसको लेकर परिवार में विवाद बढ़ गया. गुस्से में आकर भाइयों ने अपनी बहन पर गोली चला दी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. घटना को छुपाने के लिए आरोपियों ने इसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की और सबूत मिटाने लगे.

हत्या का अकेला मामला नहीं

यह पाकिस्तान में ऑनर यानि किलिंग सम्मान के नाम पर हत्या का अकेला मामला नहीं है. हाल ही में क्वेटा में भी एक अमेरिकी-पाकिस्तानी टिकटॉकर युवती की हत्या कर दी गई. इसी तरह 15 वर्षीय हीरा नाम की लड़की को भी उसके पिता और मामा ने गोली मार दी, क्योंकि वह टिकटॉक पर वीडियो बनाती थी. हीरा के पिता अनवारुल-हक अमेरिका से पाकिस्तान आए थे, जहां उन्होंने अपने मामा के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची.

रूढ़िवादी सोच की भयावह तस्वीर

पाकिस्तान में ऑनर किलिंग के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिर्फ सिंध प्रांत में तीन दिनों के अंदर आठ लोगों की हत्या की गई जिनमें पांच महिलाएं शामिल थीं. यह हिंसा सिर्फ ग्रामीण इलाकों तक सीमित नहीं रही बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी ऐसे मामले आम होते जा रहे हैं.

फिलहाल महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा वहां की रूढ़िवादी सोच की भयावह तस्वीर पेश करती है. हर साल सैकड़ों लड़कियां परिवार की इज्जत के नाम पर मौत के घाट उतार दी जाती हैं.

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