Hafiz Saeed Son Talha Saeed: हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद ने हाल ही में एक बार फिर कश्मीर को लेकर बेतुका बयान दे दिया है. साथ ही जेल में कैद अपने पिता हाफिज सईद की रिहाई की मांग करते हुए पीएम मोदी पर भी बड़ा बयान दिया है.
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लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकवादी और 2008 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज मुहम्मद सईद के बेटे हाफिज तल्हा सईद ने लाहौर में पाकिस्तान के तथाकथित 'कश्मीर एकजुटता दिवस' के उपलक्ष्य में आयोजित एक रैली में भड़काऊ भाषण दिया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को रैली में बोलते हुए सईद ने मांग की कि उसके पिता हाफिज मुहम्मद सईद को रिहा किया जाए और लोगों से वादा किया कि वह 'किसी भी कीमत पर कश्मीर को भारत से आजाद कराएगा.'
सईद के बेटे तल्हा ने कहा,'मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चेतावनी देना चाहता हूं कि कश्मीर मुसलमानों का है और हम कश्मीर को आपसे छीन लेंगे. यह जल्द ही पाकिस्तान मुस्लिम भारत का हिस्सा होगा.' तल्हा ने कहा कि लश्कर को वैश्विक स्तर पर एक आतंकवादी संगठन के रूप में पहचाना गया है जो गलत है और इसे पीएम मोदी को अपने पिता (हाफिज सईद) को बदनाम करने के लिए जिम्मेदार भी ठहराया.
तल्हा ने कहा कि पाकिस्तान सरकार को अपनी नीति की समीक्षा करनी चाहिए और हाफिज सईद को जल्द ही जेल से रिहा करना चाहिए. दुनियाभर में कई आतंकी हमलों की प्लानिंग करने वाले सईद के बेटे ने कहा,'हाफिज सईद मुजरिम नहीं है; वह जेल में क्यों दुख झेल रहा है?'
LeT और जमात-उद-दावा (JuD) के संस्थापक हाफ़िज़ सईद को 26/11 मुंबई हमलों समेत भारत के खिलाफ़ अलग-अलग आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है. कई आतंकी मामलों में पाकिस्तान ने हाफ़िज़ सईद को 78 साल की कैद की सज़ा सुनाई और 2022 में अतिरिक्त 31 साल की जेल की सज़ा भी सुनाई.
इसके अलावा अमेरिका ने 2012 में सईद की गिरफ़्तारी के लिए किसी भी तरह की जानकारी देने पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित किया था. LeT और JuD को अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र दोनों ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है और उनके संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया है.
तल्हा सईद ने लाहौर के NA-122 निर्वाचन क्षेत्र से 2024 के पाकिस्तानी आम चुनाव लड़े थे. उसने मरकजी मुस्लिम लीग की तरफ से चुनाव लड़ा था. मरकज़ी मुस्लिम लीग (पीएमएमएल) एक राजनीतिक पार्टी है जिसे उसके पिता हाफ़िज़ सईद का समर्थन हासिल है. हालांकि सईद को चुनावों में सिर्फ 2041 वोटों से हार का सामना करना पड़ा.