International kidnapping gangs: दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ देशों में अपहरण, वसूली और साइबर क्राइम इस कदर बढ़ चुका है कि यहां की पुलिस और कानूनी एजेंसियां भी असहाय लग रही हैं. इन्होंने केवल एक साल में करीब सवा 2 लाख लोगों का अगवा किया है.
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दुनिया में अपराध बढ़ रहे हैं और इसमें साइबर अपराधों में विशेष तौर पर तेजी देखी जा रही है. अपराध का गढ़ बन चुके कुछ देशों की बात करें तो दक्षिण पूर्व एशिया में अपहरण, फिरौती वसूली और साइबर क्राइम का वर्षों पुराना अवैध धंधा बढ़ता ही जा रहा है. यूं कहें कि साइबर क्राइम में बढ़ोतरी ही हुई है. आलम यह है कि कंबोडिया, म्यांमार, थाईलैंड और फिलीपीन्स में अपराधी गिरोहों के सामने स्थानीय पुलिस और कानून एजेंसियां असहाय नजर आती हैं.
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100 देशों के 2 लाख से ज्यादा लोग अगवा
विशेषज्ञों का अनुमान है कि इन किडनैपिंग गैंग्स ने घाना, नाइजीरिया, ब्राजील से लेकर संयुक्त अरब अमीरात तक 100 देशों के दो लाख 20 हजार लोगों को अपहृत किया है. ये अपहरण अकेले म्यांमार और कंबोडिया में हुए हैं.
इतना ही नहीं अपहरणों के जरिए ये गिरोह मोटी फिरौती वसूल रहे हैं और कई साइबर घोटोलों को अंजाम दे रहे हैं. हर साल ये गैंग्स 3.75 लाख करोड़ रुपए से अधिक वसूल रहे हैं.
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बेरोजगारों को बना रहे निशाना
ये गैंग बेरोजगार युवा और टेक्नोलॉजी ग्रेजुएट्स को भी बड़े पैमाने पर किडनैप कर रही हैं. फिर उन्हें जबरन साइबर क्राइम में झोंक रही हैं.
चीनी एक्टर का भी किया था अपहरण
इसी माह चीनी एक्टर वांग शिंग का अपहरण भी म्यांमार की किडनैपिंग गैंग ने किया था. फिर वांग से जबरन ऑनलाइन घोटाले कराए गए. बड़ी मुश्किल से वांग को म्यांमार से रेस्क्यू किया गया.
इसके बाद थाईलैंड और म्यांमार में चीनी दूतावास ने अपने नागरिकों को ऑनलाइन जॉब देने के नाम पर हो रहे घोटालों से आगाह किया है.
पर्यटकों में खौफ का माहौल
अपहरण की इन घटनाओं ने पर्यटकों में खौफ का माहौल पैदा किया है और इसके चलते थाईलैंड-म्यांमार में टूरिस्ट घटे हैं. विशेष तौर पर चीनी पर्यटकों में काफी कमी आई है.