Donald Trump: ट्रंप ने अपनी पॉलिसी को क्लियर करते हुए कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन को सैकड़ों अरब डॉलर की सहायता दी है और अब वह इसकी भरपाई करना चाहता है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर यूक्रेन भविष्य में रूस का हिस्सा बन जाता है तो अमेरिका को अपने निवेश की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी
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Trump Ukraine Russia: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने बयान से तहलका मचा दिया है. पहले उन्होंने कनाडा और पनामा को लेकर दावे किए और अब उन्होंने यूक्रेन को लेकर भयानक दावा किया है. ट्रंप ने एक इंटरव्यू में कहा कि यूक्रेन भविष्य में रूस का हिस्सा बन सकता है. इसके साथ ही उन्होंने अमेरिकी मदद के बदले यूक्रेन से प्राकृतिक संसाधनों की मांग की. यह बयान ऐसे समय में आया है जब यूक्रेन पहले ही रूस के साथ भीषण युद्ध झेल रहा है और अमेरिकी सहयोग पर उसकी निर्भरता बनी हुई है. ट्रंप के बयान से साफ है कि यूक्रेन को अमेरिकी सहायता पाने के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है.
यूक्रेन से 500 अरब डॉलर मूल्य के संसाधनों की मांग
दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने यूक्रेनी अधिकारियों से 500 अरब डॉलर मूल्य के दुर्लभ खनिजों (Rare Earth), तेल और गैस सहित अन्य प्राकृतिक संसाधनों की मांग की. उनका दावा है कि यूक्रेन ने इस प्रस्ताव को अनौपचारिक रूप से स्वीकार भी कर लिया था. ट्रंप ने अपनी पॉलिसी को क्लियर करते हुए कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन को सैकड़ों अरब डॉलर की सहायता दी है और अब वह इसकी भरपाई करना चाहता है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर यूक्रेन भविष्य में रूस का हिस्सा बन जाता है तो अमेरिका को अपने निवेश की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी.
रूस को मिला अप्रत्यक्ष समर्थन?
उधर ट्रंप के इस बयान से रूस को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन मिलता दिख रहा है. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप की टिप्पणी क्रेमलिन को खुश कर सकती है क्योंकि रूस ने 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद चार क्षेत्रों डोनेत्स्क, लुहान्स्क, ज़ापोरिझिझिया और खेरसॉन का अवैध रूप से अधिग्रहण कर लिया था. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने ट्रंप के बयान का स्वागत किया और कहा कि यह संभावना है कि यूक्रेन का एक बड़ा हिस्सा भविष्य में रूस का हो सकता है.
युद्धविराम और शांति वार्ता की योजना
ट्रंप प्रशासन के पूर्व अधिकारी जनरल कीथ केलॉग ने बताया कि वे आगामी म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन 14-16 फरवरी में अपने सहयोगियों के साथ यूक्रेन संकट पर चर्चा करेंगे. इसके बाद वे 20 फरवरी को कीव का दौरा कर सकते हैं. माना जा रहा है कि इस यात्रा का मकसद संभावित शांति वार्ता की नींव रखना है. खुद ट्रंप ने भी इंटरव्यू में कहा कि उनकी प्रशासनिक टीम ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में काफी प्रगति की है.
अब तो यूक्रेन पर बढ़ा दबाव.. जेलेंस्की की चिंता
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की पहले ही अमेरिका की अनिश्चित नीति को लेकर चिंतित हैं. उन्होंने संकेत दिया कि ट्रंप प्रशासन के कुछ प्रमुख अधिकारी जल्द ही उनसे मुलाकात कर सकते हैं. इस बीच ट्रंप की मांग और उनके रूसी समर्थक रुख ने यूक्रेन की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. यह तय है कि ट्रंप यूक्रेन के लिए अमेरिका की मदद को लेकर नई चुनौतियां खड़ी कर सकता है. फिलहाल ट्रंप के इस बयान ने वैश्विक राजनीति में नई बहस छेड़ दी है.