मोदी सरकार का एक Plan और दुनिया के सामने आएगी चीन की काली करतूत! हिलेगी AI की दुनिया
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मोदी सरकार का एक Plan और दुनिया के सामने आएगी चीन की काली करतूत! हिलेगी AI की दुनिया

Chinese AI Tool DeepSeek: मोदी सरकारी बहुत जल्द ही चीनी AI टूल डीपसीक पर चेतावनी जारी कर सकती है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत काम करने वाली इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है.

 

मोदी सरकार का एक Plan और दुनिया के सामने आएगी चीन की काली करतूत! हिलेगी AI की दुनिया

India Action Against DeepSeek: भारतीय सरकार जल्द ही चीनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल DeepSeek को लेकर एक आधिकारिक चेतावनी जारी कर सकती है. यह चेतावनी खासतौर पर डेटा प्राइवेसी और साइबर जासूसी के संभावित खतरों को लेकर होगी. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत काम करने वाली इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है.

गहराई से चल रही जांच

रिपोर्ट में कहा गया है कि CERT-In इस बात की गहराई से जांच कर रही है कि DeepSeek जैसे जनरेटिव एआई (GenAI) टूल्स भारतीय नागरिकों के लिए किस तरह से खतरा बन सकते हैं. जांच के दौरान यह भी देखा जा रहा है कि यह AI टूल यूजर्स के व्यवहार, उनके डिवाइस डेटा (बैटरी यूसेज, अन्य ऐप्स से इंटरैक्शन), और यहां तक कि टाइपिंग के दौरान कीस्ट्रोक्स (कीबोर्ड दबाने के पैटर्न) को भी ट्रैक कर सकता है.

DeepSeek AI को लेकर सरकार की चिंता

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि 'DeepSeek का इस्तेमाल ChatGPT की तरह नहीं किया जा सकता है. हमें सतर्क रहना होगा.' उन्होंने यह भी बताया कि सरकार जल्द ही एक आधिकारिक एडवायजरी जारी कर सकती है, जिसमें इस AI टूल के इस्तेमाल से बचने की हिदायत दी जाएगी. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि भारत चीन को अपने नागरिकों का डेटा एक्सेस देने में सहज महसूस नहीं करता, क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि संवेदनशील डेटा कहां और कैसे स्टोर किया जाता है.

DeepSeek AI कैसे डेटा कलेक्ट करता है?

जांच से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार, यह ऐप तीन तरह के डेटा कलेक्ट करता है-
1. यूजर प्रॉम्प्ट्स- इसमें चैट हिस्ट्री, डॉक्युमेंट्स और इमेजेज शामिल हो सकते हैं.
2. ऑटोमेटिकली कलेक्टेड इंफॉर्मेशन- इसमें डिवाइस का डेटा, अन्य ऐप्स की मेटाडेटा जानकारी और कुकी ट्रैकिंग शामिल होती है.
3. अन्य सोर्स से मिली जानकारी- इसमें पब्लिकली अवेलेबल डेटा और क्राउडसोर्स्ड डेटा शामिल हो सकता है.

रिपोर्ट के अनुसार, यह AI टूल यह भी ट्रैक कर सकता है कि कितने यूज़र्स ने ChatGPT को अनइंस्टॉल किया या वे Google Gemini ऐप पर कितना समय बिता रहे हैं.

DeepSeek AI के जरिए गलत जानकारी फैलाने का खतरा

इस जांच से जुड़े एक अधिकारी ने यह भी बताया कि 'सबसे बड़ी चिंता यह है कि यह AI चैटबॉट राजनीतिक विमर्श को प्रभावित करने के लिए गलत जानकारी फैला सकता है.' यह मुद्दा सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य कई देशों ने भी DeepSeek के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है.

अन्य देशों की प्रतिक्रिया

DeepSeek को लेकर ग्लोबल चिंताएं भी बढ़ रही हैं. इटली, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की संघीय एजेंसियों ने पहले ही अपने सरकारी डिवाइसेज में इस AI टूल के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है. पिछले महीने, भारत के वित्त मंत्रालय ने एक आंतरिक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें सरकारी कंप्यूटरों और डिवाइसेज पर AI टूल्स (जैसे कि ChatGPT, DeepSeek) के उपयोग को सुरक्षा जोखिम बताया गया था. इस एडवाइजरी में लिखा गया था कि 'AI टूल्स गोपनीय सरकारी डेटा और दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं.'

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